संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने UNSC में सत्ता के संतुलन पर दिया जोर
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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने UNSC में सत्ता के संतुलन पर दिया जोर

एंतोनियो गुतारेस ने उम्मीद जताई कि 77 देशों का समूह ''यह सुनिश्चित करने के लिये इस जरूरत पर ध्यान देना होगा कि कोई भी सुधार अधिक संतुलित और लोकतांत्रिक संयुक्त राष्ट्र के लिये प्रभावी योगदान देगा''.

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस. (फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने सुरक्षा परिषद में शक्ति संतुलन स्थापित करने का आह्वान किया है, ताकि विश्व निकाय को अधिक लोकतांत्रिक बनाया जा सके. गुतरेस ने 12 जनवरी को एक समारोह में अधिक लोकतांत्रिक संयुक्त राष्ट्र का आह्वान किया. उन्होंने अधिक संतुलित तरीके से शक्ति के बंटवारे और उसके सभी निकायों में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व में अधिक प्रभावी विविधता का आह्वान किया. इस समारोह में जी-77 की अध्यक्षता मिस्र ने संभाली और चीन ने इक्वाडोर से हासिल की. उन्होंने कहा, ‘‘उसका केंद्र सुरक्षा परिषद में सुधार में है. यह महासभा के पुनरोद्धार में है, लेकिन सचिवालय स्तर पर जिस एक बात के लिये मैं प्रतिबद्ध हूं और वह प्रबंधन सुधार के कारणों में से एक हैं जिसका हम प्रस्ताव करते हैं--इस बात को सुनिश्चित करना है और सचिवालय के उस स्तर पर विविधता बढ़े और शक्ति का संतुलन स्थापित हो.’’

  1. गुतारेस ने 12 जनवरी को एक समारोह में अधिक लोकतांत्रिक संयुक्त राष्ट्र का आह्वान किया.
  2. गुतारेस ने अधिक संतुलित तरीके से शक्ति के बंटवारे पर जोर दिया.
  3. इस समारोह में जी-77 की अध्यक्षता मिस्र ने संभाली.

उन्होंने उम्मीद जताई कि 77 देशों का समूह ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिये इस जरूरत पर ध्यान देना होगा कि कोई भी सुधार अधिक संतुलित और लोकतांत्रिक संयुक्त राष्ट्र के लिये प्रभावी योगदान देगा जहां शक्ति का बेहतर वितरण होगा और न्याय अधिक आसानी से कायम रहेगा.’’ उन्होंने कहा कि समूह-77 को न सिर्फ बहुपक्षीय दुनिया में बल्कि ऐसी दुनिया में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है जहां अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक न्याय हो.

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वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र ने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने में भारत और चीन की नेतृत्वकारी भूमिका और मजबूत प्रतिबद्धता की सराहना की है. उन्होंने कहा कि अन्य देश इस कोशिश में नाकाम हो रहे हैं. संरा महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक बहुत ठोस प्रतिबद्धता है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि अफ्रीकी राष्ट्र मौसम के पैटर्न में वैश्विक रूप से हो रहे बदलाव के सबसे बड़े पीड़ित हैं.

उन्होंने कहा कि यह उनके लिए स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन से सर्वाधिक प्रभावितों में जी 77 के सदस्य देश हैं. मुख्य रूप से अफ्रीकी देश सूखे से प्रभावित हुए हैं. वहीं छोटे द्वीपीय देश चक्रवाती तूफानों से प्रभावित हुए हैं. हमने जल स्तर (समुद्री) में बढ़ोतरी भी देखी है. गुतारेस ने कहा कि ऐसे वक्त में जब अन्य देश जलवायु परिर्तन से लड़ने में नाकाम हो रहे हैं, उन्होंने देखा कि जी 77 देश की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और चीन नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है. जी 77 संयुक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का सबसे बड़ा अंतर सरकारी संगठन है. भारत सहित इसके 134 सदस्य देश हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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