अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 28 फरवरी को तालिबान के साथ खुली बातचीत की एक योजना पेश की थी जिसमें तालिबान को अंतत: एक राजनीतिक पार्टी के रूप में स्वीकार किया गया था.
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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीधी बातचीत के लिए तालिबान को अफगानिस्तान की पेशकश का स्वागत करते हुए आतंकी समूह से आग्रह किया है कि वह किसी पूर्व शर्त या हिंसा की धमकी के बिना शांति वार्ता में शामिल हो. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 28 फरवरी को तालिबान के साथ खुली बातचीत की एक योजना पेश की थी जिसमें तालिबान को अंतत: एक राजनीतिक पार्टी के रूप में स्वीकार किया गया था. यह पेशकश अमेरिका के सीधी वार्ता के तालिबान के आह्वान के कुछ ही दिन बाद दी गई.
शांति वार्ता की पेशकश का स्वागत करते हुए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष नीदरलैंड के कारेल जान गुस्ताफ वान उस्तेरोम ने‘ अफगानिस्तान में शांति एवं सुरक्षा सहयोग के लिए काबुल प्रक्रिया’ की पिछले महीने की दूसरी बैठक और उसके भागीदारों की सहमति से जारी घोषणा का स्वागत किया.
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कल के बयान में कहा गया, ‘‘सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सीधी वार्ता में शामिल होने के लिए तालिबान को अफगान सरकार की पेशकश का भी स्वागत किया और तालिबान से आह्वान किया कि वह बिना किसी पूर्वशर्त या हिंसा की किसी धमकी के बगैर राजनीतिक समाधान के लक्ष्य के साथ यह पेशकश स्वीकार कर ले जो अफगानिस्तान के लोगों को टिकाऊ शांति तक ले जाएगी.’’
अफगानिस्तान तालिबान अमेरिका संग वार्ता को तैयार
अफगानिस्तान तालिबान ने बीते 27 फरवरी को कहा था कि वह युद्धग्रस्त देश में राजनीतिक समाधान शुरू करने के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बीच अमेरिका के साथ वार्ता के लिए तैयार है. तालिबान ने जारी बयान में कहा था, "राजनीतिक कार्यालय इस संकट के शांतिपूर्ण समाधान के संबंध में अमेरिकी अधिकारियों से प्रत्यक्ष बातचीत का आह्वान करता है."
अगर तालिबान अफगान सरकार के साथ वार्ता नहीं करेगा, तो अमेरिका भी उससे बात नहीं करेगा
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के उपसहायक सचिव एलिस वेल्स के अफगानिस्तान दौरे और अफगान नेताओं से मिलने के बाद यह बयान आया था. बयान के मुताबिक, "अब इसे अमेरिका और इसके संबंधियों के साथ पता लगाया जाना चाहिए कि अफगान मुद्दे को सैन्य तरीके से सुलझाया नहीं जा सकता. अमेरिका को युद्ध के बजाय अफगानिस्तान के लिए शांतिपूर्ण रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए."