ट्रंप-किम बैठक से पहले उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने को राजी अमेरिका-चीन
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ट्रंप-किम बैठक से पहले उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने को राजी अमेरिका-चीन

डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में होने वाली शिखर वार्ता से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से विदेश मंत्रालय के फोगी बॉटम मुख्यालय में मुलाकात की.

वॉशिंगटन में विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से मुलाकात के दौरान दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई इन. (IANS/22 May, 2018)

वॉशिंगटन: अमेरिका और चीन के शीर्ष राजनयिकों ने बताया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच सिंगापुर में होने 12 जून को होने वाली बैठक से पहले उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव अभियान को जारी रखने पर दोनो देशों के बीच सहमति बनी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच 12 जून को सिंगापुर में होने वाली शिखर वार्ता से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से विदेश मंत्रालय के फोगी बॉटम मुख्यालय में मुलाकात की.

  1. 12 जून को सिंगापुर में होनी है डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग की मुलाकात.
  2. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वे मुलाकात पर अगले सप्ताह फैसला लेंगे.
  3. दोनों देश आगामी ऐतिहासिक सम्मेलन को रद्द करने की धमकी दे चुके हैं.

पोम्पिओ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने राष्ट्रपति की 12 जून को किम जोंग उन के साथ होने वाली शिखर वार्ता की तैयारियों पर बातचीत की. मुझे चीन का दृष्टिकोण जानने का मौका मिला और अमेरिका, डीपीआरके और विश्व के समक्ष मौजूद इस अवसर पर उनके अवलोकन की सराहना की.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखने की ‘‘हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता’’ पर चर्चा की. साथ ही कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण, सत्यापित और अपरिवर्तनीय परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य प्राप्त होने तक प्योंगयांग से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी प्रस्तवों को लागू करने की बात भी रखी.

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पोम्पिओ ने कहा, ‘‘हमने चीन सहित सभी देशों से अपने दायित्वों को पूरा करने और उपायों को पूरी तरह लागू करने की पुष्टी की है.’’ उन्होंने कहा कि चीन, अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान डीपीआरके के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं अगर वह परमाणु निरस्त्रीकरण को इच्छुक है. 

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि अमेरिका और डीपीआरके के नेताओं के बीच वार्ता का चीन दृढ़ता से समर्थन करता है. वांग ने कहा, ‘‘नेताओं के बीच सीधे संपर्क और वार्ता कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु मुद्दे से निपटने के लिए आवश्यक है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वार्ता निर्धारित समय पर एवं सफलतापूर्वक होगी. हम मानते हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन पूरी तरह से सक्षम हैं और उनके पास सही निर्णय लेने का विवेक है. वे कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और विश्व के लिए खुशखबरी लाएंगे.’’

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वहीं दूसरी ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ 12 जून को सिंगापुर में होने वाली शिखर वार्ता पर निर्णय अगले सप्ताह लिया जाएगा. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, 'सिंगापुर के बारे में हमें अगले सप्ताह पता चलेगा और अगर हम जाते हैं तो मुझे लगता है कि उत्तर कोरिया के लिए यह एक बड़ी बात होगी. इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सांसदों से कहा था कि 12 जून की शिखर वार्ता होगी. ट्रंप ने भी दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बावजूद शिखर वार्ता होने के संकेत दिए थे.

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