अमेरिकी मीडिया ने खोली पाकिस्‍तान की पोल, बताया- कैसे तालिबान की मदद करता है ISI
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अमेरिकी मीडिया ने खोली पाकिस्‍तान की पोल, बताया- कैसे तालिबान की मदद करता है ISI

 'वाशिंगटन टाइम्स' ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI अभी भी तालिबान आतंकवादियों की मदद करती है.

खुद को तालिब्स बताते हैं तालिबानी, पुलिस को उन्हें रोकने की इजाजत नहीं. (फाइल फोटो)

वाशिंगटन: अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) सीमावर्ती क्षेत्र में तालिबान को अब भी चोरी-छिपे सहयोग करती है. 'वाशिंगटन टाइम्स' की एक रिपोर्ट में पाकिस्तानी सीमाक्षेत्र में उन विशिष्ट मोहल्लों और आसपास के इलाकों का जिक्र है, जिन्हें तालिबान आतंकवादी पनाहगाह की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अफगानिस्तान से आतंकवादी बेधड़क पाकिस्तानी सेना के गढ़, क्वेटा में आते जाते हैं, जहां वे सेना औरवं इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारियों से मिलते हैं.

  1. बेधड़क ISI अधिकारियों से मिलते हैं तालिबानी- अमेरिकी मीडिया
  2. 'किला अब्दुल्ला' में ISI के साथ मिलकर तालिबानी चलाता हैं कैंप
  3. पुलिस और तालिबानी लड़ाकों के बीच होते रहते हैं संघर्ष- रिपोर्ट

'किला अब्दुल्ला' जिले में तालिबान का गढ़- रिपोर्ट
अखबार ने अज्ञात खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा, 'हमारा मानना है कि शीर्ष तालिबान नेतृत्व पश्तुनाबाद, गुलिस्तान और आस पास के इलाकों से संचालित हो रहा है.' इसके अनुसार, क्वेटा से 44 किलोमीटर दूर एक छोटा सा सीमावर्ती जिला 'किला अब्दुल्ला' भी ऐसा ही अन्य इलाका है, जहां तालिबान ISI के साथ मिलकर काम कर रहा है. जिले के अंदर चमन नामक एक इलाके की सीमा अफगानिस्तान से मिलती है, जिसे तालिबान का गढ़ माना जाता है. आतंकवादी वहां मुक्त रूप से अपनी गतिविधि चलाते हैं. स्थानीय लोग उन्हें तालिब्स के नाम से जानते हैं.

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सड़कों पर खुलेआम घूमते हैं तालिबानी आतंकी
सूत्र के अनुसार, स्वचालित हथियारों से लैस तालिबान के लड़ाकों को 'मोटरबाइक या चार पहिया वाहनों पर दो से लेकर पांच साथियों के साथ' कुचलक की सड़कों पर आते जाते देखा जाता है. 'वाशिंगटन टाइम्स' ने कहा कि आईएसआई अपने एसयूवी का इस्तेमाल कर सुरक्षा गश्त लगाकर तालिबान को कुचलक के मुख्य मार्ग के पास आवागन में मदद उपलब्ध कराती है. अखबार लिखता है कि आईएसआई सुरक्षा क्षेत्र में एक खुला रहस्य है. स्थानीय पुलिस को अफगानिस्तान से तालिबान के आवागमन को रोकने की इजाजत नहीं है और ये लड़ाके खुद को तालिब्स बताकर नाकों पर पहचान दिखाने के अनुरोध को इनकार कर देते हैं.

दक्षिण चमन की जंगल पीरालिजिया तालिबान का पनाहगाह बन गया है- अमेरिकी मीडिया
बताया जाता है कि पाकिस्तानी अर्द्धसैनिक बलों के गढ़, चमन सिटी के नजदीक गुलदारा बागीचा तालिबान के परिवारों का प्रमुख निवास स्थल है और आईएसआई ने इस इलाके में स्थानीय पुलिस एवं पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के प्रवेश एवं गश्त पर रोक लगा रखी है. अखबार के अनुसार, इसके पास के इलाके 'किली जहांगीर' में भी प्रतिबंधित क्षेत्र हैं, क्योंकि इसके निकट ही तालिबान परिवार रहते हैं. खुफिया सूत्र ने बताया, 'पश्चिमी बलों के खिलाफ अफगानिस्तान में इनके अभियान के बाद दक्षिण चमन की जंगल पीरालिजिया तालिबान का पनाहगाह बन गया है.'

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तालिबानी की गिरफ्तारी पर पहुंच जाते हैं ISI के अधिकारी- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पुलिस एवं तालिबानी लड़ाकों के बीच संघर्ष देखे जाते हैं और ऐसी स्थिति में पुलिस जब तालिबान लड़ाकों को गिरफ्तार करती है तो आईएसआई तुरंत दखल देकर उन्हें रिहा करा लेती है. इस बीच पेंटागन ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ और अधिक कदम उठाए. पेंटागन की मुख्य प्रवक्ता डाना व्हाइट ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, 'रक्षा मंत्री ने कहा है कि पाकिस्तान इस संबंध में और अधिक कार्रवाई कर सकता है और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और अधिक कदम उठाएगा.'

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