मध्यावधि चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने में विफल रहा 'समोसा कॉकस'
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मध्यावधि चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने में विफल रहा 'समोसा कॉकस'

नए भारतीय अमेरिकी उम्मीदवारों में से छह से अधिक प्रतिनिधि सभा में नहीं जा पाएंगे. प्रतिनिध सभा भारतीय संसद में लोकसभा के बराबर मानी जाती है.

भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस सीनेट की सदस्‍य हैं.(फाइल फोटो)

वाशिंगटनः अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय अमेरिकियों का अनौपचारिक समूह कथित ‘समोसा कॉकस’ अपनी संख्या बढ़ाने में विफल रहा जबकि मंगलवार को हुये अत्यधिक ध्रुवीकरण वाले मध्यावधि चुनावों में इसके सभी चार वर्तमान सदस्यों के प्रतिनिधि सभा के लिए फिर से निर्वाचित होने की संभावना थी. 

नए भारतीय अमेरिकी उम्मीदवारों में से छह से अधिक प्रतिनिधि सभा में नहीं जा पाएंगे. प्रतिनिध सभा भारतीय संसद में लोकसभा के बराबर मानी जाती है. इन प्रत्याशियों में से अधिकांश ने अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर देने और धन जुटाने को लेकर ध्यान अपनी तरफ खींचा.

हालांकि, भारतीय मूल के अमेरिकियों ने राज्य विधानसभाओं में अधिक सीटें जीती. समुदाय ने अपने सदस्य राम विल्लिवम को पहली बार इलिनोइस सीनेट के लिए भेजा और भारतीय मूल की एक अमेरिकी मुस्लिम महिला मुजताबा मोहम्मद उत्तर करोलिना स्टेट सीनेट के लिए चुनी गई.

शिकागो में जन्मे विलिवलम निर्विरोध चुने गये. वह पहले एशियाई-अमेरिकी स्टेट सीनेटर और इलिनॉइस जनरल असेंबली के पहले दक्षिण एशियाई-अमेरिकी सदस्य भी बने. पहली बार 100 से अधिक भारतीय मूल के अमेरिकियों ने मध्यावधि चुनाव में हिस्सा लिया और मंगलवार को हुये चुनाव में इनमें से 50 से अधिक का नाम मतदान पत्रों पर था.

समोसा कॉकस
“समोसा कॉकस” वर्तमान कांग्रेस में पांच भारतीय-अमेरिकियों के समूह को कहा जाता है. इनमें से अमी बेरा, प्रमिला जयपाल, राजा कृष्‍णमूर्ति और रो खन्‍ना प्रतिनिधि सभा और कमला हैरिस सीनेट की सदस्‍य हैं. ये सभी सदस्‍य विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के सदस्‍य हैं. इस शब्‍द का पहली बार इस्‍तेमाल राजा कृष्‍णमूर्ति ने किया. अमेरिका की जनसंख्या में भारतीय मूल के अमेरिकियों की आबादी एक प्रतिशत है. भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा, “अमेरिका की राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों की संख्या बढ़ते देखना अद्भुत है.”

चुनावों में कम से कम 90 महिलाओं ने जीत दर्ज की है जिनमें से ज्यादातर डेमोक्रेट्स है. इनमें से कम से कम 28 महिलाएं पहली बार निर्वाचित हुई हैं. दो मुस्लिम महिलाओं ने भी चुनाव में जीत दर्ज की है. इल्हान उमर नाम की मुस्लिम महिला ने मिन्नेसोटा की पांचवी कांग्रेसनल डिस्ट्रिक से तथा राशिदा तालिब ने मिशीगन की 13वीं कांग्रेसनल डिस्ट्रिक सीट से जीत दर्ज की है. ये दोनों विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के टिकट पर विजयी हुई है.

सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी ने 100 सदस्यीय सीनेट में अपना बहुमत बरकरार रखा जहां इस समय बहुमत का आंकड़ा 51-49 है. रिपब्लिकन पार्टी को सीटें और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि अंतिम समाचार मिलने तक मतों की गिनती चल रही थी.डेमोक्रेट्स ने कंसास, इलिनॉयस, मिशिगन और मिनेसोटा समेत कई हाईप्रोफाइल क्षेत्रों में गवर्नर की दौड़ में भी जीत हासिल की है. रिपब्लिकन पार्टी ने फ्लोरिडा में गवर्नर के अपने पद को बरकरार रखा है.

(इनपुट भाषा)

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