पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर यहां भारतवंशी समुदाय के लोगों और संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
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न्यूयार्क: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर यहां भारतवंशी समुदाय के लोगों और संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके दूरदृष्टा नेतृत्व का स्मरण किया. अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) ने वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि वह भारत के सबसे प्रिय राजनेताओं में से एक थे. इस संगठन की स्थापना गुजरात के भुज में आए भूकंप के बाद की गयी थी जब वाजपेयी ने प्रवासी भारतीयों का अपने देश के लिए कुछ करने का आह्वान किया था. एआईएफ के सीईओ निशांत पांडे ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के निधन की बात सुनकर हम लोग बेहद दुखी हैं.
उनके दूरदर्शी विचार हम सभी के लिये प्रेरणादायी हैं. उन्होंने भारत में सफलतापूर्वक कार्यक्रमों को पूरा करने की कसौटी पर खरा उतरने के लिये एआईएफ को प्रेरित किया. जब दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश विकास संबंधी मुद्दों से निपटने के लिये हाथ मिलाते है तो इसका प्रभाव व्यापक होता है. ’’ वाजपेयी के सुझाव और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पहल पर वर्ष 2001 में एआईएफ की स्थापना हुई थी. एआईएफ ने भारत के 46 लाख गरीबों तक पहुंच बनायी है. इसने शिक्षा, भारत के 24 राज्यों में लोगों की आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया है.
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी (ओएफबीजेपी) यूएसए ने वाजपेयी के निधन पर शोक जाहिर किया है और कहा है कि उनका जाना ‘‘राष्ट्र के लिये एक बड़ी क्षति है. 1.3 अरब जनता देश के लिये की गयी उनकी सेवाओं को याद कर रही है. ’’ वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद कल 93 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया.
एक बयान में संगठन ने कहा कि वाजपेयी की बेमिसाल कविताएं और उनकी प्रखर वाकपटुता की यादें हम सभी के दिलो दिमाग में ताजा रहेंगी. ओएफबीजेपी ने कहा कि देश के लिये सबसे यादगार पल वह था जब वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण करने का ‘‘कठोर फैसला’’ लिया. भारतीय नेता ने पाकिस्तान सहित पड़ोसी देशों के साथ शांति का प्रयास किया. उसने लाहौर के लिये ‘‘ऐतिहासिक’’ बस सेवा और करगिल युद्ध के दौरान देश में उनके नेतृत्व को याद किया.
इनपुट भाषा से भी