व्लादिमीर पुतिन ने की असद से मुलाकात, सीरिया में 'राजनीतिक प्रक्रिया' शुरू करने की मांग
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व्लादिमीर पुतिन ने की असद से मुलाकात, सीरिया में 'राजनीतिक प्रक्रिया' शुरू करने की मांग

पुतिन ने कहा, ‘‘आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में सीरियाई सरकार की सेना की सफलता के बाद राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने का माहौल तैयार हो रहा है.’’

सोची में मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और सीरियाई नेता बशर अल-असद. (Reuters/ 18 May, 2018)

सोची (रूस): रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीरियाई नेता बशर अल-असद से एक दुर्लभ बैठक कर कहा कि सारिया में सैन्य सफलता से ‘‘राजनीतिक प्रक्रिया’’ शुरू करने में मदद मिलेगी साथ ही विदेशी बलों की वापसी और देश के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा. सीरिया में संयुक्त राष्ट्र में विशेष दूत स्टेफन डी मिस्तूरा ने चेतावनी दी थी कि विद्रोही कब्जे वाले इदलिब पर शासन का हमला 23लाख लोगों को प्रभावित कर सकता है. इसके एक दिन बाद गुरुवार (17 मई) को पुतिन ने असद से रूस के दक्षिणी शहर सोची में मुलाकात की. बैठक के बाद क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में पुतिन ने कहा, ‘‘आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में सीरियाई सरकार की सेना की सफलता के बाद राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने का माहौल तैयार हो रहा है.’’

  1. पुतिन ने असद से रूस के दक्षिणी शहर सोची में मुलाकात की.
  2. सीरिया में राजनीतिक प्रक्रिया पर शुरू करने पर विमर्श.
  3. सीरिया से विदेशी बलों की वापसी और देश के पुनर्निर्माण पर जोर.

नए हथियारों से दशकों तक रूस का भविष्य सुरक्षित रहेगा : पुतिन
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में बीते 15 मई को कहा कि नई परमाणु प्रणालियों समेत नए हथियार दशकों तक देश की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. सोची में पुतिन ने कहा कि इस साल सेना में शामिल की गई नई प्रणालियां रूस की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएगी और दशकों तक सामरिक संतुलन सुनिश्चित करेगी.

गौरतलब है कि रूसी नेता ने मार्च में नए परमाणु हथियारों की श्रृंखला पेश की थी जिन्हें बीच में भेदा नहीं जा सकता. इनमें अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, परमाणु शक्ति संपन्न वैश्विक दूरी की क्रूज मिसाइल और समुद्र के भीतर चलने वाला ड्रोन शामिल है. पुतिन ने कहा कि हथियार विकसित करना हमेशा उच्च प्राथमिकता रहेगी. यूक्रेन संकट, सीरिया में युद्ध और अन्य विवादों के चलते पश्चिम देशों से संबंध बिगड़ने के कारण रूस ने सेना के आधुनिकीकरण को शीर्ष प्राथमिकता दी है.

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