व्हार्टन द्वारा मोदी का भाषण रद्द करना बौद्धिक विविधता के लिए काला दिन था: अमेरिकी अधिकारी
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व्हार्टन द्वारा मोदी का भाषण रद्द करना बौद्धिक विविधता के लिए काला दिन था: अमेरिकी अधिकारी

अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि प्रतिष्ठित व्हार्टन इंडिया फोरम की ओर से पिछले साल नरेंद्र मोदी को भेजे गए न्योते के मुद्दे पर हुआ विवाद अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में बौद्धिक विविधता के लिए काले दिनों का परिचायक है ।

व्हार्टन द्वारा मोदी का भाषण रद्द करना बौद्धिक विविधता के लिए काला दिन था: अमेरिकी अधिकारी

वॉशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि प्रतिष्ठित व्हार्टन इंडिया फोरम की ओर से पिछले साल नरेंद्र मोदी को भेजे गए न्योते के मुद्दे पर हुआ विवाद अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में बौद्धिक विविधता के लिए काले दिनों का परिचायक है ।

संघीय संवाद आयोग के आयुक्त अजित पई ने कहा, ये शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों में बौद्धिक विविधता के लिए काले दिन हैं । कॉलेज परिसरों में जिन वक्ताओं का आमंत्रण रद्द किया गया अथवा जिन्होंने विरोध को देखते हुए अपना नाम स्वेच्छा से वापस ले लिया, उनकी संख्या पिछले 15 सालों में नाटकीय ढंग से बढ़ी है।

पिछले सप्ताह मीडिया इंस्टीट्यूट अवॉर्डस समारोह को संबोधित करते हुए पई ने कहा, पिछले दो-तीन सालों में इस सूची में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड, विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष रॉबर्ट जोएलिक, अब भारत के प्रधानमंत्री बन चुके नरेंद्र मोदी और महिला अधिकार कार्यकर्ता अयान हिरसी अली शामिल हैं।

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के व्हार्टन इंडिया फोरम ने पिछले साल मार्च में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी का भाषण रद्द कर दिया था। साल 2002 के गुजरात दंगों को रोकने में मोदी की कथित नाकामी के मुद्दे पर मोदी विरोधी संगठनों के दबाव में फोरम ने यह फैसला किया था।

 

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