WHO का दावा, 14 देश मिलकर 2030 तक टीवी को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे
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WHO का दावा, 14 देश मिलकर 2030 तक टीवी को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे

तपेदिक (टीबी) को साल 2030 तक जड़ से खत्म करने की दिशा में कदम उठाने के लिए 114 देशों के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी है.

पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में भी टीबी के मामलों की संख्या ज्यादा रही है.(फाइल फोटो)

जिनेवा: तपेदिक (टीबी) को साल 2030 तक जड़ से खत्म करने की दिशा में कदम उठाने के लिए 114 देशों के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कहा. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, टीबी के खात्मे के लिए शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ की पहली वैश्विक मंत्रिस्तरीय बैठक में जुटे प्रतिनिधियों के बीच इसका ऐलान हुआ. प्रतिनिधियों ने टीबी से बचाव और देखभाल के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने का वादा किया. इस दौरान इस लक्ष्य के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश के जरिए पर्याप्त एवं सतत रूप से धन जुटाने पर भी सहमति बनी.

  1. अब तक अनुमानित रूप से 5.3 करोड़ लोगों को टीबी से बचाया गया है 
  2. टीबी से सन 2014 में इस बीमारी से 15 लाख लोगों की मौत हुई है. 
  3. जानलेवा बीमारियों में एचआईवी के बाद टीवी का भी नंबर आता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस एढानोम घेब्रयेसस के मुताबिक, "आज टीबी के खात्मे की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. डॅब्ल्यूएचओ के मुताबिक, टीबी से निपटने के वैश्विक प्रयासों की मदद से वर्ष 2000 से लेकर अब तक अनुमानित रूप से 5.3 करोड़ लोगों को बचाया गया है और टीबी की मृत्यु दर 37 फीसदी घटी है, लेकिन कई देशों में इस दिशा में विकास में रुकावट आई है, वैश्विक प्रयास लक्ष्य से भटक गए हैं. वही भारत में पिछले साल तदेपिक यानी टीबी के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट बताती है कि सन् 2014 में इस बीमारी से 15 लाख लोगों की मौत हुई है. दुनिया में जानलेवा बीमारियों में एचआईवी के साथ इस रोग का भी नंबर आता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की कल जारी हुई वैश्विक तदेपिक रिपोर्ट 2015 के मुताबिक, 2014 में टीबी के 96 लाख नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 58 फीसदी मामले दक्षिण-पूर्वी एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र से थे.

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रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 2014 में कुल सामने आए मामलों में, भारत, इंडोनेशिया और चीन में टीबी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए जो कि क्रमश: 23 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 10 प्रतिशत हैं। पिछले साल नाइजीरिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में भी टीबी के मामलों की संख्या ज्यादा रही है. 

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