जिनपिंग ने दी गीदड़ भभकी, नहीं देंगे जमीन का एक भी इंच
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जिनपिंग ने दी गीदड़ भभकी, नहीं देंगे जमीन का एक भी इंच

प्रधानमंत्री ली केकियांग ने कहा कि देश न ही किसी अन्य देश का इंच टुकड़ा लेगा और न ही किसी को देगा.

ताइवान और हांगकांग पर बीजिंग अपना दावा करता है और भविष्य में इसके चीन के साथ मिलने की आशा करता है. (फाइल फोटो)

बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं देगा और देश अपने दुश्मनों के साथ खूनी संघर्ष के लिए तैयार है. शी ने चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के वार्षिक सत्र में कहा कि हम हमारी जमीन का एक इंच टुकड़ा भी किसी का नहीं देंगे और इसे चीन से कोई ले भी नहीं सकता है. शी ने ग्रेट हॉल में कहा कि हम अपने दुश्मनों के खिलाफ खूनी लड़ाई लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन को ताइवान और हांगकांग के देश से पृथक हो जाने का डर है. ताइवान स्वशासित द्वीप है, जिस पर बीजिंग अपना दावा करता है और भविष्य में इसके चीन के साथ मिलने की आशा करता है.

  1. अपने दुश्मनों के साथ खूनी संघर्ष के लिए तैयार है चीन- शी

    चीन को है ताइवान और हांगकांग के देश से पृथक हो जाने का डर

    चीन अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ढृढ़ है- प्रधानमंत्री ली

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पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी और अब चीन के एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हांगकांग में लोग बीजिंग के बढ़ते हस्तक्षेप से खफा हैं. वहीं प्रधानमंत्री ली केकियांग ने भी शी के विचार को दोहराया. ली ने एनपीसी सत्र के अंतिम दिन कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए ढृढ़ है और अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा. देश न ही किसी अन्य देश का इंच टुकड़ा लेगा और न ही किसी को देगा.

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आपको बता दें कि पिछले साल जून में चीन के सैनिकों ने डोकलाम इलाके में सड़क बनाने का काम शुरू किया था. लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था. जिसके बाद सैन्य गतिरोध की स्थिति बन गई थी. सड़क निर्माण रोकते हुए दोनों देशों की सैनाओं के बीच भिड़ंत की तस्वीरें भी सामने आई थीं. आखिरकार अगस्त में दोनों देशों की ओर से राजनयिक माध्यमों से हुई बातचीत के बाद सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया गया, इसे भारत बड़ी जीत समझा गया. हालांकि, बावजूद इसके डोकलाम के पास चीन के सैनिक लगातार तैनात रहे, यहां तक कि सर्दियों में भी उन्होंने इलाके को नहीं छोड़ा.

इनपुट आईएएनएस से

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