2016 में पाकिस्तानी आतंकी समूहों द्वारा भारत में किए गए हमले और भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल हमले करने के साथ दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इस साल पनामा पेपर मामले को लेकर नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के साथ राजनीतिक हालात नाजुक बने रहे और साथ ही दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान संबंध और खराब हो गए. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई क्योंकि दोनों ने ही इसे प्राथमिकता नहीं दी. 2016 में पाकिस्तानी आतंकी समूहों द्वारा भारत में किए गए हमले और भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल हमले करने के साथ दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए. अप्रैल में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दिए जाने से यह संबंध और बिगड़ गए.
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ मौहम्मद फैसल ने दावा किया कि पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत बहाल करना चाहता है लेकिन भारत किसी ना किसी बहाने से इससे भागता रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जिद हमारे वार्ता बहाल ना कर पाने की मुख्य वजह है. भारत दोषी है, हम नहीं. हम हर चीज के बारे में बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन वे आगे नहीं आ रहे और केवल आरोप लगा रहे हैं.’’ संबंध तब और बिगड़ गए जब मई में पाकिस्तानी सेना की विशेष बल टीम नियंत्रण रेखा में 250 मीटर अंदर घुस गयी और दो भारतीय सुरक्षा कर्मियों का सिर काट दिया.
भारत ने जवाब में नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी चौकियों पर गोलीबारी की जिससे वहां ‘‘कुछ नुकसान’’ हुआ. फैसल ने कहा कि 2017 में द्विपक्षीय संबंधों में किसी भी तरह की प्रगति ना होने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि उसने संबंधों को सुधारने के लिए लगातार कोशिशें की हैं.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पहले तो भारत ने बातचीत को आतंकवाद के मुद्दे से जोड़ा लेकिन जब हमने आतंकवाद सहित तमाम मुद्दों पर चर्चा करने की तत्परता दिखायी तो वे (भारत) भाग गए. असल में भारत वार्ता की मेज पर आने को तैयार ही नहीं है.’’ प्रवक्ता ने कहा कि इस साल 1,300 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन होने और उसमें 54 नागरिकों के मारे जाने के बाद विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने भारतीय समकक्ष को एक पत्र लिखकर भारत से नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने की अपील की.
पूरे साल पाकिस्तान संघर्ष विराम के उल्लंघनों को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारतीय राजनयिकों को विदेश कार्यालय तलब करता रहा. प्रवक्ता 2018 में बातचीत को लेकर ज्यादा आशान्वित नहीं दिखे और कहा कि भारत की मौजूदा सरकार के साथ शांति की कोई उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘यह चलन 2018 में भी जारी रह सकता है. जमीन पर कुछ नहीं बदल रहा.’’ दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार परिषद में भी वाक युद्ध चला, जहां भारत ने पाकिस्तान को ‘‘अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का चेहरा’’ बताया.
अप्रैल में भारत ने पाकिस्तान सेना की एक अदालत में खुफिया सुनवाई के बाद जासूसी के आरोप में जाधव को मौत की सजा सुनाए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच देने की मांग की जिसे पाकिस्तान ने यह कहते हुए बार बार ठुकरा दिया कि जाधव एक भारतीय जासूस हैं.
इसके बाद भारत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला ले गया जिसने जाधव की सजा की तामील पर रोक लगा दी. इस साल भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार देने और सुनवाई शुरू करने के बाद देश में एक बड़े राजनीतिक संकट ने जन्म ले लिया.
शरीफ ने अपने करीबी सहयोगी और पीएमएल-एन नेता शाहिद खाकान अब्बासी को अंतरिम प्रधानमंत्री नामांकित किया. इस साल को देश की सभी प्रांतीय राजधानियों - पेशावर, लाहौर, कराची और क्वेटा - में हुए आतंकी हमलों में सैकड़ों लोगों के मारे जाने के लिए भी याद रखा जाएगा.
पाकिस्तान ने इस साल पनडुब्बी से प्रक्षेपित किए जाने वाले अपने पहले क्रूज मिसाइल का भी परीक्षण किया जो 450 किलोमीटर की दूरी तक परमाणु आयुध ले जा सकता है. पाकिस्तान ने साथ ही 2,200 किलोमीटर की दूरी तक परमाणु आयुध को ले जाने में सक्षम सतह से सतह पर वार करने वाला और रडार की जद में ना आने वाले बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया. बैलिस्टिक मिसाइल भारत के कई शहरों तक वार कर सकता है. इस साल वरिष्ठ राजनयिक तहमीना जांजुआ पाकिस्तान की विदेश सचिव बनने वाली पहली महिला बन गयीं. उन्होंने ऐजाज अहमद चौधरी की जगह ली जिन्हें अमेरिका में पाकिस्तान का राजदूत नियुक्त किया गया.
(इनपुट एजेंसी से भी)