जकीउर रहमान लखवी ने अदालत में पेशी से छूट देने की मांग की
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जकीउर रहमान लखवी ने अदालत में पेशी से छूट देने की मांग की

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संचालन कमांडर एवं मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता जकीउर रहमान लखवी ने एक आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के समक्ष अर्जी दायर करके कथित सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट देने का अनुरोध किया है।

जकीउर रहमान लखवी ने अदालत में पेशी से छूट देने की मांग की

लाहौर : आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संचालन कमांडर एवं मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता जकीउर रहमान लखवी ने एक आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) के समक्ष अर्जी दायर करके कथित सुरक्षा खतरे का हवाला देते हुए अदालत में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट देने का अनुरोध किया है।

लखवी के अधिवक्ता राजा रिजवान अब्बासी ने कल इस्लामाबाद में अर्जी दायर की और अदालत से अपने मुवक्किल को मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में अदालत में पेशी से छूट दिये जाने की मांग की क्योंकि वह अपनी जान के गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।

अब्बासी ने लखवी को मामले में निजी पेशी से छूट दिये जाने की मांग करते हुए कहा, लखवी की अदालत आते या जाते समय हत्या की जा सकती है। चूंकि मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में सुनवायी फरवरी 2009 में शुरू हुई लखवी और छह अन्य संदिग्ध अदियाला जेल (रावलपिंडी) में सुनवायी में शामिल होते रहे हैं लेकिन (पिछले महीने जमानत पर) जेल से रिहा होने के बाद लखवी को अदालत में स्वयं पेश होना होगा। इससे उसके जीवन को गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।

अदालत ने लखवी की अर्जी पर अभियोजन को कल के लिए नोटिस जारी किया। अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि लखवी ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि एक विदेशी गुप्तचर एजेंसी और तहरीके तालिबान पाकिस्तान का एक वर्ग मुम्बई मामले की सुनवायी के लिए अदियाला जेल जाने या बाहर आने के दौरान उसे निशाना बना सकता है। कानून के तहत लखवी के लिए मुम्बई हमला मामले की सुनवायी के दौरान उपस्थित रहना जरूरी है।

गत 30 अप्रैल को मुम्बई आतंकवादी हमला मामले की पिछली सुनवायी के दौरान एटीसी ने सुनवायी तब छह मई तक के लिए स्थगित कर दी थी जब उसे सूचित किया गया था कि मामले के रिकार्ड को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से नहीं निकाला जा सका है। मुम्बई मामले का रिकार्ड जनवरी के पहले सप्ताह में तब इस्लामाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया गया था जब संघीय सरकार ने लखवी की जमानत को चुनौती दी थी।

निचली अदालत द्वारा लखवी को 14 दिसम्बर 2014 को जमानत दिये जाने के बाद मामले की सुनवायी वस्तुत: नहीं हो पायी थी। 10 अप्रैल को अदियाला जेल ने लखवी को रिहा कर दिया था जब लाहौर हाईकोर्ट ने एक सुरक्षा कानून के तहत उसकी हिरासत निलंबित कर दी थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत को मामले की सुनवायी समाप्त करने के लिए दो महीने की समयसीमा (जून मध्य तक) दी है।

लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हम्माद अमीन सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम पर नवम्बर 2008 में मुम्बई आतंकवादी हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।

 

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