ZEE जानकारी : जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने चौथी बार चुनाव जीता
Advertisement

ZEE जानकारी : जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने चौथी बार चुनाव जीता

ZEE जानकारी : जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने चौथी बार चुनाव जीता

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने चौथी बार चुनाव जीत लिया है.. वो एक बार फिर जर्मनी की चांसलर बनने जा रही हैं. ये घटना भारत के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि एंजेला मर्केल  इस वक्त यूरोप की सबसे ताकतवर नेता हैं . और भारत से यूरोप के संबंध अच्छे हों... इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि हमारे संबंध एंजेला मर्केल से भी अच्छे हों .  एंजेला मर्केल की इस कामयाबी के बाद अब यूरोपियन यूनियन में उनका कद बहुत बढ़ गया है .  एंजेला मर्केल की पार्टी CDU यानी Christian Democratic Union और उनके सहयोगी दल को 33 % वोट मिले हैं . जर्मनी में एक बार फिर उनकी सरकार बनना लगभग तय है . 

इस चुनाव के नतीजे पूरी दुनिया के लिए चौंकाने वाले हैं . जर्मनी की राष्ट्रवादी पार्टी Alternative for Germany को 12.6 प्रतिशत वोट मिले हैं . विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1945 में एडोल्फ हिटलर की हार के बाद.. पहली बार जर्मनी की संसद में किसी राष्ट्रवादी पार्टी की एंट्री होने जा रही है. ये जर्मनी में राष्ट्रवादियों की एक लंबी छलांग है... जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.  भारत के लिए जर्मनी के साथ रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण हैं . भारत Make In India योजना के तहत विदेशी निवेश बढ़ाना चाहता है इसके लिए जरूरी है कि यूरोपियन यूनियन के देश भारत में निवेश करें . इसके लिए भारत को एंजेला मर्केल की मदद चाहिए .

यूरोपियन यूनियन भारत के साथ Free Trade Agreement करना चाहता है . भारत को इसमें अपना फायदा तलाशना होगा . इसी वर्ष मई के महीने में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के दौरे पर थे तो एंजेला मर्केल से उनकी बातचीत हुई थी और Free Trade Agreement की बातचीत को दोबारा शुरू करने पर सहमति हुई थी .  जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल खुद भी भारत के साथ गहरे संबंध बनाना चाहती हैं . वर्ष 2015 के अक्टूबर महीने में जब एंजेला मर्केल भारत की यात्रा पर आई थीं . तब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक हजार वर्ष पुरानी दुर्गा की मूर्ति सौंपी थी . ये मूर्ति 20 वर्ष पहले जम्मू कश्मीर से चोरी हो गई थी . जिसे बाद में जर्मनी के एक संग्रहालय में पाया गया था . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए एंजेला मर्केल का आभार प्रकट किया था . 

एंजेला मर्केल के व्यक्तित्व के बारे में कुछ खास बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए. एंजेला मर्केल का असली नाम एंजेला कैसनेर है . मर्केल उनके पहले पति का उपनाम है . वर्ष 1982 में एंजेला मर्केल ने अपने पहले पति को तलाक दे दिया था. जर्मनी में एंजेला मर्केल को उनके समर्थक म्यूटी (( Mutti)) कहते हैं ये जर्मन भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है Mother या मां. राजनीति में आने से पहले एंजेला मर्केल एक वैज्ञानिक थींTime Magazine ने एंजेला मर्केल को वर्ष 2015 का Person of The Year चुना था. वर्ष 2016 में Forbes की List में एंजेला मर्केल को दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर नेता कहा गया .एंजेला मर्केल की गिनती आज दुनिया के उन नेताओं में की जाती है, जिनके बिना कोई भी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अधूरा माना जाता है . लेकिन अब हिटलर की सोच वाली राष्ट्रवादी पार्टी जर्मनी में जड़ें मजबूत कर रही है जिससे एंजेला मर्केल की चुनौतियां बढ़ गई हैं .  

भारत के कथित धर्मनिरपेक्ष लोगों को राष्ट्रवाद शब्द से एलर्जी हैं.. उन्हें ये शब्द सुनते ही परेशानी होने लगती है . लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में ऐसा नहीं होता है . इराक और सीरिया में युद्ध के बाद जब यूरोप में शऱणार्थी संकट बढ़ा तो पूरे यूरोप में राष्ट्रवादी पार्टियों के वोट प्रतिशत में बड़ा उछाल देखा गया है . ऑस्ट्रिया की राष्ट्रवादी पार्टी.... Freedom Party का वोट 10 % तक बढ़ा है . Bulgaria की राष्ट्रवादी पार्टी... IMRO के वोट में 7 % का इजाफा हुआ है . डेनमार्क में Danish People's Party का वोट भी 9 % तक बढ़ा है . राष्ट्रवादी पार्टी के वोट में सबसे ज्यादा उछाल फ्रांस में देखा गया है . फ्रांस में राष्ट्रवादी पार्टी National Front का वोट 13 % तक बढ़ा है . इसी तरह जर्मनी की राष्ट्रवादी पार्टी Alternative for Germany के वोट में 8 % तक इजाफा हुआ है .और इसी श्रृंखला में Donald Trump की जीत को कौन भूल सकता है.... इसका सीधा सा मतलब ये है कि दुनिया भर में राष्ट्रवाद उफान पर है, और भारत की तरह... दुनिया के दूसरे देशों के धर्मनिरपेक्ष लोग.. राष्ट्रवाद को गाली नहीं देते. 

Trending news