ZEE जानकारी: हॉलीवुड के खतरनाक स्टंट कैसे शूट किए जाते हैं?
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ZEE जानकारी: हॉलीवुड के खतरनाक स्टंट कैसे शूट किए जाते हैं?

कई मौकों पर फिल्मों में Action Scenes को Shoot करने के लिए अलग-अलग Heroes, Body Double का इस्तेमाल भी करते हैं.

ZEE जानकारी: हॉलीवुड के खतरनाक स्टंट कैसे शूट किए जाते हैं?

ख़बरों की दुनिया में तो सारे दिन एक जैसे ही होते हैं, लेकिन फिल्मों की दुनिया में शुक्रवार का ख़ास महत्व होता है. इसलिए आज हम एक फिल्मी DNA टेस्ट करेंगे. हम आपको Hollywood के शानदार Stunts की Inside Story दिखाएंगे. ये विश्लेषण देखकर आपको पता चलेगा कि Hollywood के खतरनाक Stunts कैसे शूट किये जाते हैं ? इसके लिए हमने Mission Impossible सहित कई फिल्मों के Stunts और उनकी प्रक्रिया को Study किया है. 

पूरी दुनिया में इस वक्त हॉलीवुड के मशहूर एक्टर Tom Cruise की फिल्म, Mission Impossible - Fallout की चर्चा हो रही है. सिर्फ 7 दिनों में ये फिल्म भारत में Box-Office पर हॉलीवुड की 7वीं सबसे बड़ी फिल्म बन गई है. और इसकी सबसे बड़ी वजह है - इस फिल्म का Action और Stunts. Hollywood में किसी फिल्म को सुपरहिट बनाने का एक फॉर्मूला बार बार अपनाया जाता है. और वो फॉर्मूला है Action और VFX यानी Visual Effects पर पूरा ज़ोर लगाना. बड़े बड़े Hollywood Studios कई बार अपना आधा बजट Action और Visual Effects पर खर्च कर देते हैं. एक अनुमान के मुताबिक हॉलीवुड में एक फिल्म के बजट का कम से कम 30 प्रतिशत से भी ज़्यादा हिस्सा इन्हीं दोनों पर खर्च होता है.

Technology के इस युग में लोग, ये समझने लगे हैं, कि किसी भी फिल्म के लिए जितने भी Action Sequences शूट किए जाते हैं, उन्हें Visual Effects की मदद से तैयार किया जाता है. यानी एक बंद कमरे में हरे या नीले रंग के Background पर फिल्म की शूटिंग हुई और बाद में कंप्यूटर और Effects की मदद से उसमें ख़तरनाक Stunts को अलग-अलग लोकेशन पर दिखाकर डाल दिया गया. 

कंप्यूटर की भाषा में इसे Chroma Key कहते हैं. ये एक ऐसी तकनीक होती है, जिसमें हरे या नीले रंग के Background पर पहले कोई Scene, Shoot किया जाता है. और फिर बाद में कहानी की मांग के मुताबिक उसमें मनचाहा दृश्य डाल दिया जाता है. ये दृश्य किसी समंदर का हो सकता है, किसी जानवर का हो सकता है या किसी ख़तरनाक Stunt का भी हो सकता है. Chroma Key का मतलब ही होता है, एक रंग को दूसरे रंग पर Overlay कर देना यानी चढ़ा देना.

इसके अलावा कई मौकों पर फिल्मों में Action Scenes को Shoot करने के लिए अलग-अलग Heroes, Body Double का इस्तेमाल भी करते हैं. यानी एक्शन कोई और आदमी करता है, लेकिन आपको ऐसा लगता है, कि वो ख़तरनाक Stunt, हीरो ही कर रहा है. हालांकि, जैसे-जैसे लोगों को Technology का ज्ञान हुआ है, वो समझने लगे हैं, कि ऐसी फिल्में किस तरह Shoot की जाती है. शायद यही वजह है, कि एक्टर्स को भी इस बात का एहसास होने लगा है, कि दर्शकों की नज़रों से कुछ नहीं छिप सकता. इसलिए अब ज़्यादातर Actors, अपने Action Sequence खुद ही Shoot करते हैं. वो ना तो Body Double का इस्तेमाल करते हैं और ना ही Visual Effects का सहारा लेते हैं.
 
आज हमने Visual Effects और एक्शन वाले इस फॉर्मूले का DNA टेस्ट किया है. इसमें Mission Impossible के ख़तरनाक स्टंट हैं और फिल्मी दुनिया के कई अनजाने राज़ भी मौजूद हैं. Tom Cruise की फिल्म Mission Impossible - Fallout में वैसे तो एक से बढ़कर एक Stunts हैं. लेकिन इस फिल्म का एक Stunt ऐसा भी है, जो करोड़ों भारतीयों को पसंद नहीं आया. फिल्म के कुछ हिस्से नॉर्वे और न्यूज़ीलैंड में शूट किए गए हैं. लेकिन, उन हिस्सों को भारत का कश्मीर बताया गया है. लेकिन इसके लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वो आपत्तिजनक था. 

फिल्म में कश्मीर को 'India controlled Kashmir' बताया गया है. इसके अलावा जो नक्शा दिखाया गया, उसमें जम्मू-कश्मीर की सरहदें गलत दिखाई गईं. इस गंभीर विषय पर भारत के सेंसर बोर्ड ने कड़ी आपत्ति जताई. और कहा कि मनोरंजन के नाम पर ऐसे विषयों पर समझौता नहीं किया जाएगा. इसलिए या तो नक्शे को ठीक किया जाए या फिर फिल्म में से ये सीन हटाया जाए. Central Board Of Film Certification ने फिल्म में दिखाए गए गलत नक्शे और आपत्तिजनक शब्द को तो हटा दिया. लेकिन सवाल ये है, कि क्या इस फिल्म को बनाने वाले लोग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूल में सुधार करेंगे ? क्योंकि दुनिया के बाकी देशों में इस फिल्म में कोई कांट-छांट नहीं की गई है. और कश्मीर को India Controlled Kashmir कहकर , गलत नक्शे के साथ ही दिखाया जा रहा है.

यहां पेंच ये है कि फिल्मों की दुनिया में कोई संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था नहीं है. इसलिए फिल्मों पर अलग अलग देशों के नियम लागू होते हैं. ऐसी कोई अंतर्राष्ट्रीय संस्था नहीं है जो फिल्मों के आपत्तिजनक Content को नियंत्रित कर सके. इसलिए अंतिम फैसला और ज़िम्मेदारी फिल्म के निर्माताओं की ही होती है.

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