सावधान, चीन-पाक कर रहे हैं साइबर हमले, हैकिंग के कई मामले सामने आए

निया के अलग अलग लोकेशन पर बैठकर हैकर्स भारतीय कम्प्यूटर व इंटरनेट को निशाना बना रहे हैं. पाकिस्तान, चीन, नीदरलैंड, फ़्रांस, ताइवान, रूस, ट्यूनिशिया, अल्जीरिया, सर्बिया जैसे देशों से भारत की साइबर सुरक्षा को हैकर चुनौती दे रहे हैं.  राज्यसभा में लिखित जवाब में केन्द्र सरकार ने यह बात मानी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 29, 2019, 04:54 AM IST
    • 2018 से अक्टूबर 2019 तक 110 वेबसाईट हैक की गई हैं.
    • इसी दौरान केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की 48 वेबसाईट भी हैक हुईं.
सावधान, चीन-पाक कर रहे हैं साइबर हमले, हैकिंग के कई मामले सामने आए

नई दिल्लीः भारत में इंटरनेट का कारोबार तेजी से बढ़ता जा रहा है. डिजिटल क्रांति के इस दौर में देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी वेबसाईट को सुरक्षित रखना और साइबर क्राइम से निपटना महत्वपूर्ण है. बड़ी संख्या में और लगातार वेबसाईट का हैक होना यह साबित करता है कि हमारी साइबर सुरक्षा काफी कमजोर है. पेट (भोजन) से लेकर पेमेंट तक ऑनलाइन हो जाने के इस दौर में जरूरी है कि सीमा के साथ-साथ साइबर सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए. यह इसलिए भी जरूरी है कि गुप्त सूचनाओं के सर्कुलेट होने का सबसे आसान तरीका बन रहा है वेबसाइट हैकिंग.

क्या कहती है रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2018 से अक्टूबर 2019 तक 110 वेबसाईट हैक की गई हैं. इसी दौरान केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की 48 वेबसाईट भी हैक हुईं. दुनिया के अलग अलग लोकेशन पर बैठकर हैकर्स भारतीय कम्प्यूटर व इंटरनेट को निशाना बना रहे हैं. पाकिस्तान, चीन, नीदरलैंड, फ़्रांस, ताइवान, रूस, ट्यूनिशिया, अल्जीरिया, सर्बिया जैसे देशों से भारत की साइबर सुरक्षा को हैकर चुनौती दे रहे हैं.  राज्यसभा में लिखित जवाब में केन्द्र सरकार ने माना कि साइबर सुरक्षा तंत्र को बढ़ाने पर ज़ोर देना होगा.

इंडियन कम्प्यूटर इमर्जेंसी रेस्पांस टीम का हवाला देते हुए सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि जो वेबसाईट हैक की गईं, उनके IP Address से पता चलता है कि हैकर्स पाक, चीन जैसे देशों से हैकिंग को अंजाम देते हैं. केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार की साईबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In अन्य देशों के साथ लगातार संपर्क में रहती है ताकि ऐसी हैकिंग को रोका जा सके.

पिछले दिनों से वॉट्सएप में लगी थी सेंध
पॉपुलर मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप पर हाल ही में इजरायली पेगासस स्पाईवेयर अटैक हुआ था. इंडियन कंप्यूटर इमरजेन्सी रिस्पॉन्स टीम (CERT) ने वॉट्सऐप में एक वलनरेबिलिटी (सेंध) पाई थी, जिसकी मदद से अटैकर एक इंफेक्टेड MP4 वीडियो फाइल भेजकर फोन को निशाना बना रहे हैं.

वॉट्सऐप ने इजरायली कंपनी एनएसओ पर सैन फ्रैंसिस्को की एक अदालत में मुकदमा दायर किया था. वॉट्सऐप ने कहा था कि यूएस के सर्वर पर मालवेयर का हमला कर एनएसओ ने 1400 मोबाइल फोनों की जासूसी करवाई है. वॉट्सऐप का कहना था कि दुनियाभर के करीब 100 ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट, पत्रकार और सिविल सोसायटी के लोगों की जासूसी करवाई गई थी. इसके बाद एक वीडियो फाइल भेजकर लोगों के फोन हैक करने की कोशिश रही. 

पहले भी चीन से हो चुकी है हैकिंग की कोशिश
साइबर सुरक्षा मजबूत करने के साथ ही यह भी तय करना जरूरी है कि किन देशों से भारत की वेबसाइट हैक कर ली जा रही हैं. इसमें चीन-पाकिस्तान का नाम सबसे ऊपर है. इस मामले में चीन की ओर से प्रत्यक्ष मामले सामने आ चुके हैं. इस बारे में सरकार के साइबर सेल ने तीन साल पहले ही विभागों तो चेताया था.  कहा गया था कि चीन में बैठे हैकर नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) की ओर से संचालित व्यवस्था में सेंध लगाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं. तब प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के एक उप-सचिव के कंप्यूटर पर अजीब गतिविधियां देखने को मिली थीं.विश्लेषण के दौरान पाया गया कि चीन के एक इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते से उप-सचिव के कंप्यूटर को खोलने की कोशिश एक बार फिर की गई थी. 

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पुणे के बैंक से लूटे थे रुपये, हांगकांग हुए थे ट्रांसफर
पुणे के कॉसमॉस बैंक पर साइबर हमला कर हैकरों ने करीब 94 करोड़ रुपये की लूट को अंजाम दिया था. मामला 2018/ के अगस्त का था, जिसमें हैकरों ने 76 करोड़ रुपये पहले ट्रांसफर किए. इसके बाद 15 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. संदेह होने पर रिजर्व बैंक ने कॉसमॉस बैंक को इन ट्रांजेक्श की जानकारी दी थी.

94 करोड़ रुपये की यह रकम हांगकांग के हैंगसैंग बैंक में ट्रांसफर की गई थी. कॉसमॉस बैंक के चेयरमैन ने तब बताया था कि हैकर ने एक पैरलल स्विच तैयार करके सभी ट्रांजेक्शन किए. यह जानकारी सामने के बाद बैंक के साभी सर्वर, एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग की प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है. 

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