आज का एजेंडा: क्या गोरक्षकों की हत्या पर जानबूझकर चुुप्पी है?

जब देश में एक ही अपराध के लिए एक ही तरह का कानून और एक ही तरह की सजा है तो फिर राजनीति के तराजू पर एक ही अपराध को अलग-अलग तरीकों से तोलने की कोशिश क्यों होती है। जिस गाय को देश के करोड़ लोग अपनी आस्था मानते है। उसकी तस्करी करने वाले। उसके मांस का धंधा करने वालों के समर्थन में तो बड़े बड़े नेता सामने आ जाते हैं। लेकिन जब किसी गोरक्षक के साथ ज्यादती होती है। गोकशी के विरोध करने पर किसी गोरक्षक की हत्या कर दी जाती है तब लेकिन ना कोई सवाल और ना कोई शोर। देखिए सबसे बड़ी बहस...

जब देश में एक ही अपराध के लिए एक ही तरह का कानून और एक ही तरह की सजा है तो फिर राजनीति के तराजू पर एक ही अपराध को अलग-अलग तरीकों से तोलने की कोशिश क्यों होती है। जिस गाय को देश के करोड़ लोग अपनी आस्था मानते है। उसकी तस्करी करने वाले। उसके मांस का धंधा करने वालों के समर्थन में तो बड़े बड़े नेता सामने आ जाते हैं। लेकिन जब किसी गोरक्षक के साथ ज्यादती होती है। गोकशी के विरोध करने पर किसी गोरक्षक की हत्या कर दी जाती है तब लेकिन ना कोई सवाल और ना कोई शोर। देखिए सबसे बड़ी बहस...

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