बताना तो पड़ेगा : पीएम मोदी की हत्या की साजिश पर मज़ाक क्योॆ? (पार्ट-2)

27 साल पहले 21 मई 1991 को देश ने एक ऐसा दर्द झेला था. जिसकी टीस आज भी महसूस होती है। तब देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। कुछ ऐसी ही साजिश एक बार फिर रची गई. लेकिन देश की राजनीति का दुर्भाग्य देखिए. कि जिस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक पार्टियों को साथ खड़ा होना चाहिए था. उसमें भी राजनीति तलाश ली गई। हैरानी कांग्रेस पार्टी को लेकर भी होती है.

27 साल पहले 21 मई 1991 को देश ने एक ऐसा दर्द झेला था. जिसकी टीस आज भी महसूस होती है। तब देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। कुछ ऐसी ही साजिश एक बार फिर रची गई. लेकिन देश की राजनीति का दुर्भाग्य देखिए. कि जिस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक पार्टियों को साथ खड़ा होना चाहिए था. उसमें भी राजनीति तलाश ली गई। हैरानी कांग्रेस पार्टी को लेकर भी होती है.

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