काबुल : आत्मघाती हमले ने ली शिप्रा की जान

बम धमाकों से क्या डरना, मौत तो कभी भी आ सकती है. यही बात शिप्रा शर्मा ने अपने जोधपुर में परिवार वालो से कही थी. जब वह बतौर AICS डायरेक्टर अफगानिस्तान जा रही थी. जाते समय शिप्रा ने अपने घर वालो से कहा था कि जल्दी ही घर लौटूंगी, लेकिन होनी को कौन टाल सकती है. घटना से थोड़ी देर पहले ही शिप्रा अपनी मां से फोन पर भी बात की थी. जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने RDX से भरे ट्रक को शिप्रा के दफ्तर में घुसेड़ दिया जिसके बाद सबकुछ खत्म हो गया. शिप्रा एक एनजीओ के साथ जुड़ी थी.

बम धमाकों से क्या डरना, मौत तो कभी भी आ सकती है. यही बात शिप्रा शर्मा ने अपने जोधपुर में परिवार वालो से कही थी. जब वह बतौर AICS डायरेक्टर अफगानिस्तान जा रही थी. जाते समय शिप्रा ने अपने घर वालो से कहा था कि जल्दी ही घर लौटूंगी, लेकिन होनी को कौन टाल सकती है. घटना से थोड़ी देर पहले ही शिप्रा अपनी मां से फोन पर भी बात की थी. जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने RDX से भरे ट्रक को शिप्रा के दफ्तर में घुसेड़ दिया जिसके बाद सबकुछ खत्म हो गया. शिप्रा एक एनजीओ के साथ जुड़ी थी.

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