मुरादाबाद: हम सभी सड़क पर चलते हैं, स्कूटी से, बाइक से, कार से या साइकिल से मगर कब और कहां हादसों से सामना हो जाए किसी को पता नहीं होता. यूपी के मुरादाबाद में ऐसा ही एक हादसा हुआ जहां नेशनल हाईवे 24 पर तेज रफ्तार कार ने स्कूटी सवार को टक्कर मार दी, जिससे युवक सड़क पर गिर पड़ा. हमेशा की तरह हाइवे पर गाड़ियां भागती रही. सबकी नजर इस तड़पते हुए युवक पर गई. मगर किसी को फिक्र कहां?
शहरों की भागमभाग जिंदगी में सबको दफ्तर, घर और मंजिल तक पहुंचने की जल्दी है. एक-एक कर गाड़ियां निकलती गई और युवक चीखता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. कुछ देर बाद बीच सड़क पर खून से लथपथ इस युवक को देख एक शख्स आया. इसके बाद दूसरा आया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई. पुलिस वाले भी आए, सब तमाशबीन बने रहे. किसी को मदद की नहीं सूझी और देखते-देखते युवक की मौत हो गई. यह घटना समाज की अंत होती संवेदना को व्यक्त करने के लिए काफी है.
सुप्रीम कोर्ट से लेकर सरकार तक कह चुकी है कि घायलों की मदद करने वाले को कानूनी झमेले में कोई नहीं फंसा सकता. लेकिन संवेदनहीनता की इस घटना ने एक परिवार की अंतहीन उम्मीदों का जनाजा उठा दिया.
मृतक का नाम जितेंद्र था. वह अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था. जितेंद्र अपनी बहन नेहा को गर्मी की छुट्टी में ससुराल से लाने गया था. सामान ज्यादा होने की वजह से बहन को स्कूटी की जगह ऑटो में बिठा दिया और साथ-साथ स्कूटी से चल पड़ा. पाकबाड़ा थाना क्षेत्र में महावीर विश्वविद्यालय के सामने अचानक वैगन-आर कार ने पीछे से टक्कर मार दी. अपने इकलौते भाई की मौत से नेहा गहरे सदमे में है.
नेहा के मुताबिक यूपी 23 F 7296 नंबर की ये खूनी कार एक नाबालिग चला रहा था. जिसकी उम्र 15-16 साल थी. आरोपी के साथ उसके माता-पिता भी गाड़ी में मौजूद थे. अब बारी थी यूपी पुलिस की. जब मृतक जितेंद्र के पिता हादसे में बेटे की मौत की शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो यूपी पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज किया. जबकि इस घटना कि चश्मदीद बहन जिसके सामने भाई ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. उसने नाबालिग को गाड़ी चलाते देखा. मगर पुलिस सख्त एक्शन की जगह बहानेबाजी कर आरोपी को बचाने में जुटी है.
योगी की पुलिस के ऐसे रवैये से परिवार काफी गुस्से में है. कार्रवाई के नाम पर पुलिस की वहीं रटी-रटाई बातें बोल रही है. 'हम घटना की जाँच कर रहे हैं, उचित कार्रवाई की जाएगी.'