बीजेपी, शिवसेना के बीच नितिन गडकरी कर सकते हैं मध्यस्थता, शरद पवार खोलेंगे पत्ते
सूत्रों के मुताबिक गडकरी शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे के साथ नए फॉर्मूले पर चर्चा कर सकते हैं. इससे एक बात ये सामने आ रही है कि अब सरकार बनाने को लेकर आरएसएस भी किसी रूप में अपनी भूमिका निभा सकता है.
- देवेंद्र फडणवीस आरएसएस प्रमुख से मिले
- शरद पवार आज प्रेस कांफ्रेंस करेंगे
- शिवसेना अपने पुराने रुख पर कायम
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मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी गहमागहमी के बीच आने वाले 24 घंटे काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहे हैं. बीजेपी और शिवसेना में जारी गतिरोध के बीच बीती रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. उसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना-बीजेपी के बीच कड़वाहट को कम करने के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नीतिन गड़करी मध्यस्थता कर सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक गडकरी शिवसेना मुखिया उद्धव ठाकरे के साथ नए फॉर्मूले पर चर्चा कर सकते हैं. इससे एक बात ये सामने आ रही है कि अब सरकार बनाने को लेकर आरएसएस भी किसी रूप में अपनी भूमिका निभा सकता है. दरअसल इससे पहले बीजेपी नेताओं के करीबी और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के सलाहकार किशोर तिवारी ने इस सिलसिले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की थी. बेहद प्राथमिकता वाले इस पत्र में तिवारी ने संघ प्रमुख से आग्रह किया था कि वे सरकार गठन को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मध्यस्थता कराएं ताकि बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी विवाद का आम सहमति से हल निकल सके.
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शरद पवार की अहम प्रेस कांफ्रेंस
इस बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार आज दोपहर के वक्त प्रेस क्राफेंस करेंगे. शरद पवार दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलकर लौटे हैं. इस प्रेस क्राफेंस में शरद पवार महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मची ऊहापोह पर अपने पत्ते खोल सकते हैं.
फिलहाल बीजेपी को शिवसेना की मांगों या प्रपोजल का इंतजार है. बीजेपी का कहना है कि वो उसके बाद ही कोई कदम उठाना चाहती है. दूसरी तरफ शिवसेना का कहना है कि जो पहले से तय था उसी के अनुसार सरकार बनाई जाए. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच गतिरोध की स्थिति लगातार बनी हुई है.
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शिवसेना का प्लान-B
इस बीच शिवसेना अपने पुराने रुख पर कायम है. शिवसेना सूत्रों के मुताबिक यदि बीजेपी से बात नहीं बनती है तो प्लान बी को अमल में लाने पर काम शुरू किया जाएगा. प्लान B के तहत शिवसेना और एनसीपी सरकार में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस का बाहर से समर्थन ले सकते हैं. इससे शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार बनेगी और 145 विधायकों का बहुमत का अपेक्षित आंकड़ा भी आसानी से मिल जाएगा. शिवसेना के बड़े नेता का दावा है कि अब प्लान-B हमारा प्लान-A बन चुका है. हमारी सबसे बातचीत हो चुकी है.
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शिवसेना को मलाल
सूत्रों के मुताबिक सीएम पद के बंटवारे के साथ-साथ शिवसेना इस बात से भी नाराज़ है कि अभी तक बीजेपी के किसी भी बड़े नेता का आदित्य ठाकरे की जीत पर बधाई के लिए फोन तक नहीं आया. सीएम ने नतीजे वाले दिन भी सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस की टाइमिंग के बदलाव पर बात की थी. शिवसेना को उम्मीद थी कि ठाकरे परिवार के पहले व्यक्ति के चुनाव जीतने के बाद गठबंधन के नेता बधाई देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
शिवसेना को मलाल है कि जब पीएम मोदी और अमित शाह का नामांकन था तब उद्धव ठाकरे खुद नामांकन के समय पहुंचे थे. इसके बावजूद बीजेपी का ये व्यवहार शिवसेना को नागवार लग रहा है. सूत्रों के मुताबिक एक तरफ जहां बीजेपी का ऐसा व्यवहार था तो दूसरी तरफ पवार परिवार की तरफ से आदित्य की जीत पर बधाई दी गई थी.
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