महाराष्ट्र: बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं राज्यपाल, क्या होगा भाजपा का अगला कदम?
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महाराष्ट्र: बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं राज्यपाल, क्या होगा भाजपा का अगला कदम?

महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोशयारि बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता भेज सकते हैं.

देवेंद्र फडणवीस. (फाइल फोटो)

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashta Vidhansabha) का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है. इसके खत्म होने से पहले आज यानि शनिवार को महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगतसिंह कोशयारि बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता भेज सकते हैं. दरअसल, बीजेपी सबसे ज्यादा विधायकों के साथ प्रदेश की नंबर एक पार्टी है लिहाजा राजभवन बीजेपी को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजने की आज तैयारी में है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक बीजेपी प्रदेश में अल्पमत की सरकार बनाने के हक में नहीं है और राज्यपाल के आमंत्रण मिलने के बाद सरकार बनाने से इंकार करने के प्लान में है. 

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के पास सिर्फ 105 और करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकों का संख्याबल है हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकड़े से अभी काफी दूर है. सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने गवर्नर के सरकार बनाने के संभावित मिलने वाले न्योते पर सरकार नहीं बनाने की मंशा बताने की तैयारी में है.

अब अगर बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने से इनकार करती है को ऐसी स्थिति में राज्यपाल प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं. ये देखना दिलचस्प होगा कि गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर शिवसेना क्या कदम उठाती है. दरअसल, शिवसेना के पास फिलहाल महज 56 विधायक और आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल है. इस लिहाज से शिवसेना का विधानसभा में संख्याबल बहुमत से कोसों दूर है.

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प्रदेश में बीजेपी 105 और शिवसेना 56 सीटों के साथ एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकडा रखते हैं. हालांकि फिलहाल शिवसेना और बीजेपी के बीच जो टकराव की स्थिति है उससे साफ जाहिर है कि दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं. 

उधर, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकों की संख्या भी प्रदेश में सरकार नहीं बना सकती. हालांकि शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और बाहर से कांग्रेस के 44 विधायकों के समर्थन के बल पर नई सरकार के गठन का रास्ता बन सकता है. हालांकि, अभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की इस फॉर्मूले पर मुहर लगनी बाकी है. 
 
भाजपा सूत्रों की मानें तो अयोध्या विवाद के कोर्ट के फैसले के बाद शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों मे पड़ी दरार कम हो सकती है और दोनों के दोबारा साथ आने की बीजेपी को उम्मीद है.

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