उद्धव ठाकरे के CM वाले बयान पर जावड़ेकर का पलटवार - इच्छा जाहिर करने में कोई बुराई नहीं
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना मिलकर चुनाव जरूर लड़ रहे हैं लेकिन सीएम पद को लेकर दोनों पार्टियों में संग्राम छिड़ा हुआ है.
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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections 2019) में बीजेपी-शिवसेना (BJP-Shiv Sena) मिलकर चुनाव जरूर लड़ रहे हैं लेकिन सीएम पद (CM Post) को लेकर दोनों पार्टियों में संग्राम छिड़ा हुआ है. शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सोमवार को बिगुल फूंकते हुए कहा कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा. ठाकरे के इस बयान से मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. उधर, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने उद्धव के बयान पर सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इच्छा व्यक्त करने में क्या बुराई है, वास्तविकता क्या होगी, वो बाद में देखेंगे. महाराष्ट्र बीजेपी ने कहा कि बीजेपी का सीएम बनेगा और वो सभी का सीएम माना जाएगा. शिवसेना का भी और बीजेपी का भी.
दरअसल, ठाकरे ने सामना में दिए इंटरव्यू में कहा है कि सूबे मे नई कैबिनेट बनने में फिफ्टी-फिफ्टी का फॉर्मूला कैसे लागू होगा, ये वक्त आने पर सभी को नजर आ जाएगा. उद्धव ठाकरे ने लगे हाथ यह भी कह दिया कि प्रदेश में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री बनेगा.
उद्धव ठाकरे ने कहा, शिवसैनिक को मुख्यमंत्री पद के तख्त पर बिठाने का वचन आपने बालासाहेब को दिया था, निश्चित ही बिठाऊंगा. मेरा वचन है और उसे मैं पूरा करूंगा क्योंकि हमेशा उनका निवेदन ऐसा आता है कि हम मुख्यमंत्री पद देंगे. कोई सुने या न सुने, ये वचन मैंने किसी से पूछकर नहीं दिया. ये वचन मैंने मेरे सर्वस्व अर्थात मेरे गुरु, मेरे पिता, मेरे नेता, जो कुछ भी मैं मानता हूं, उन्हें दिया गया, ये वचन है और इसे मैंने किसी की अनुमति से नहीं दिया है. किसी की अनुमति के कारण ये नहीं रुकेगा. किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है.
शिवसेना बीजेपी के बयानबाजी पर एनसीपी ने तंज कसा और शिवसेना अध्यक्ष को किसी भी बात पर कायम नहीं रहने की बात याद दिलाई. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के फॉर्मूले को लेकर उद्धव पर तंज कसा. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि शिवसेना की सरकार तो आनी ही नहीं है.
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भले ही अभी बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है और शिवसेना ने भले ही कम सीटों पर संतोष कर लिया हो लेकिन आने वाले समय में अगर बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनी तो दोनों के बीच में राजनैतिक सरगर्मियां तेज रहेंगी और नई सरकार में खींचतान जारी रह सकती है.
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