Parijat tree and lord krishna story in hindi: पारिजात के पेड़ और पारिजात के फूलों का हिंदू धर्म में बहुत महत्‍व है. पारिजात को बेहद पवित्र माना गया है. वास्‍तु शास्‍त्र में भी पारिजात को बेहद शुभ और धन-समृद्धि देने वाला, हर मनोकामना पूरी करने वाला बताया गया है. इसे कल्‍पवृक्ष या हरसिंगार का पेड़ भी कहा जाता है. खासतौर पर पारिजात का भगवान कृष्‍ण से विशेष संबंध है. साथ ही धर्म-शास्‍त्रों के अनुसार देवताओं और असुरों ने जब समुद्र मंथन किया था, तब समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्‍नों में कल्‍पवृक्ष या पारिजात का पेड़ भी शामिल था. 


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स्वर्ग से धरती पर ऐसे आया पारिजात


समुद्र मंथन से निकला पारिजात वृक्ष को देवराज इंद्र ने स्‍वर्ग में स्‍थापित कर दिया गया. भगवान कृष्‍ण को पारिजात के फूल बेहद प्रिय हैं, वे हमेशा पारिजात के फूलों की माला धारण करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने उनसे पारिजात वृक्ष को लाने का हठ किया. दरअसल नारद जी से मिले पारिजात के सभी पुष्प भगवान कृष्ण ने अपनी पत्‍नी रुक्मिणि को दे दिया था. जिससे सत्यभामा नाराज हो गईं और उन्‍होंने पारिजात वृक्ष ही मांग लिया. तब श्रीकृष्ण ने अपने दूत के जरिए इंद्र को संदेश भेजा कि वे पारिजात वृक्ष देवी सत्‍यभामा की वाटिका में लगाने के लिए दे दें. लेकिन इंद्र ने पारिजात वृक्ष देने से इनकार कर दिया. तब भगवान कृष्ण ने इंद्र को पराजित किया और पारिजात वृक्ष को धरती पर लाए. मान्‍यता है कि पारिजात का पेड़ या कल्‍पवृक्ष हर मनोकामना को पूरी करता है. 


मां लक्ष्‍मी को भी प्रिय है 


भगवान कृष्‍ण के अलावा मां लक्ष्‍मी का भी पारिजात के पेड़ से गहरा रिश्‍ता है. दरअसल सागर मंथन से ही माता लक्ष्मी की उत्‍पत्ति हुई थी और उससे ही पारिजात वृक्ष निकला था. इस तरह मां लक्ष्‍मी और पारिजात दोनों का उत्पत्ति स्थान एक ही है. इस कारण माता लक्ष्मी को भी पारिजात के पुष्प बेहद प्रिय हैं. मां लक्ष्‍मी की पूजा में भी हरसिंगार के पेड़ लगाना या घर में हरसिंगार का पौधा लगाना घर में खूब बरकत लाता है. जिस घर में पारिजात या हरसिंगार का पेड़ या पौधा हो वहां हमेशा धन-धान्‍य बढ़ता रहता है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)