Vastu Tips for kitchen: किचन या रसोईघर किसी भी घर का अहम हिस्सा होता है. इसकी बनावट या यहां के सामानों को वास्तु के अनुसार न रखा जाए तो काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
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Vastu Shastra for kitchen: घरों में किचन की स्थिति और वहां पर गैस-चूल्हा रखने के प्लेटफार्म की दिशा का अहम रोल होता है. मॉड्यूलर किचन में एक से एक कीमती चीजें लगाई जाती हैं और क्राकरी से लेकर आधुनिक बर्तन तक सजाए जाते हैं. चिमनी और छोटे गीजर के अलावा फैन और एग्जॉस्ट भी लगाया जाता है, लेकिन इसमें वास्तु का ध्यान नहीं रखा गया तो सारा पैसा लगाना व्यर्थ हो जाता है. गलत दिशा में गैस-चूल्हा और सिंक लगवाने के परिणाम स्वरूप लोग परेशान होते हैं और यदि बीमार हो गए तो न जाने कितना पैसा इलाज में खर्च करना पड़ सकता है.
रसोई घर का प्लेटफार्म हमेशा पूर्व दिशा की ओर बनाना चाहिए, ताकि भोजन बनाते समय गृहिणी का मुंह भी पूर्व दिशा की ओर ही रहे. एक बात और ध्यान देने वाली है कि इस प्लेटफार्म को उत्तर की तरफ की दीवार से न जोड़कर दक्षिण की दीवार से जोड़ना चाहिए और प्लेटफार्म का विस्तार भी इसी तरफ करना चाहिए. कभी भी उत्तर या दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके भोजन नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि यह परिवार के सदस्यों में वाद-विवाद, अनबन और बीमारी का कारण बन सकता है.
मिक्सी ग्राइंडर, माइक्रोवेव के लिए दिशा
आजकल मॉडर्न किचन में मिक्सी, ग्राइंडर, माइक्रोवेव तमाम आधुनिक प्रकार के उपकरणों का उपयोग भी किया जाता है. इन उपकरणों को रखने के लिए किचन का दक्षिण-पूर्वी भाग उपयुक्त रहता है. यदि किचन में खाना बनाने में उठने वाले धुएं को निकालने के लिए चिमनी भी लगाई है तो धुएं के वेग को दक्षिण-पूर्वी भाग से निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए.
किचन और टॉयलेट सटा हुआ तो लगाएं पायरा
यदि रसोई घर का दरवाजा टॉयलेट के सामने है या किचन और टॉयलेट सटे हुए बने हैं तो ऐसा होना कर्ज, मानसिक अशांति, रोग का कारण हो सकता है. ऐसे में दोनों के बीच पायरा यानी पिरामिड वास्तु प्रोडक्ट स्ट्रिप लगाकर गुणात्मक रूप से इन्हें अलग कर देना चाहिए, ताकि टॉयलेट की निगेटिविटी को कम किया जा सके.
अपने किचन को हमेशा साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखें. रसोई में जूठे बर्तनों का जमाव, गंदे पानी का भंडार, मकड़ी के जाले या धुएं से काली दीवारें स्वास्थ्य एवं समृद्धि का नाश करती हैं. रात में किचन को साफ करने के बाद ही सोएं.