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  • Pravin Kumar

    प्रवीण कुमार

    बीते दो दशक से पहले प्रिंट और वर्तमान में ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति व समसामयिक विषयों में गहरी रूचि. गंभीर विषयों पर लेखन कार्य.

    बीते दो दशक से पहले प्रिंट और वर्तमान में ऑनलाइन पत्रकारिता में सक्रिय. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति व समसामयिक विषयों में गहरी रूचि. गंभीर विषयों पर लेखन कार्य.

Stories by Pravin Kumar

सपनों के 'बजट' में घुमड़ता किसान

केंद्रीय बजट 2016-17

सपनों के 'बजट' में घुमड़ता किसान

वित्त वर्ष 2016-17 के लिए संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने अगले पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश किए गए बजट की यह सबसे अहम बात है। हालांकि बजट का अर्थशास्त्र कैसे काम करता है इस मामले में मेरी समझ कमजोर है, बावजूद इसके आगामी पांच साल में किसानों की आय को दोगुना करने का सरकार का विचार एक सपने जैसा मालूम पड़ता है। इसलिए जरूरी था, वित्त मंत्री अरुण जेटली देश को यह बताने का साहस करते कि यह लक्ष्य कैसे हासिल किया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पांच साल में हर वर्ष खेती की आय में करीब 14 फीसदी सालाना

Feb 29,2016, 18:35 PM IST

जाट आरक्षण : आंदोलन या फिर 'साजिश'?

हरियाणा में जाट आंदोलन

जाट आरक्षण : आंदोलन या फिर 'साजिश'?

हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया है। खट्टर सरकार के जाट नेता व मंत्री, पुलिस और सेना को निशाना बनाते हुए यह आंदोलन अब पूरी तरह से समाज विरोधी रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। पूरे प्रदेश में जातीय टकराव की खतरनाक स्थिति बन गई है। निश्चित रूप से इस आंदोलन ने एक साथ कई सवाल खड़े किये हैं? पहला ये कि जाट आरक्षण आंदोलन किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है? क्या जाटों ने आंदोलन की परिभाषा को बदल दिया है? और अंतिम सवाल यह कि आंदोलन का इतने कम समय में इतना हिंसक रूप अख्तियार कर लेना सरकारी मशीनरी की विफलता नहीं है?

Feb 21,2016, 13:04 PM IST

जानिए! महागठबंधन की बड़ी जीत के पीछे का चाणक्य कौन?

प्रशांत किशोर

जानिए! महागठबंधन की बड़ी जीत के पीछे का चाणक्य कौन?

बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश-लालू-कांग्रेस का महागठबंधन बड़ी जीत की ओर आगे बढ़ रहा है। इस जीत के साथ ही नीतीश कुमार लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह कि महागठबंधन और नीतीश कुमार जीत का जो स्वाद चखेंगे उसके पीछे का चाणक्य कौन है? कहते हैं कि लगभग डेढ़ साल पहले 2014 लोकसभा चुनाव में जिस शख्स ने नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों के गुब्बारे में हवा भरी थी, वही शख्स आज बिहार में मोदी के मंसूबों की हवा निकाल कर नीतीश कुमार के सिर पर ताज पहना दिया। जी हां! इस चाणक्य का नाम है प्रशांत किशोर।

Nov 8,2015, 12:22 PM IST

बिहार चुनाव : राजनीति की अग्निपरीक्षा

बिहार विधानसभा चुनाव

बिहार चुनाव : राजनीति की अग्निपरीक्षा

राजनीति जब चारा चोर, नरभक्षी, महास्वार्थबंधन, शैतान और ब्रह्मपिशाच के चक्रव्यूह में फंस जाए तो उससे निकलने के लिए उसे अग्निपरीक्षा देनी ही पड़ती है। कोई कह रहा है बिहार चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की अग्निपरीक्षा है तो कोई कह रहा है कि बिहार चुनाव नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की की अग्निपरीक्षा है। लेकिन सियासी सच्चाई यह है कि बिहार विधानसभा का यह चुनाव राजनीति की अग्निपरीक्षा है। अग्निपरीक्षा इस मायने में कि राजनीति जनकल्याण के लिए होती है और जिस तरह की राजनीतिक लड़ाई बिहार के इस चुनाव में लड़ी जा रही है उससे बिहार की जनता का कितना भला होगा इसके दूर-दूर तक

Oct 28,2015, 17:24 PM IST

रेखा : नहीं बन सकीं, जो बनना चाहती थी

भानुरेखा गणेशन

रेखा : नहीं बन सकीं, जो बनना चाहती थी

सिल्वर स्क्रीन पर 1966 से देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपनी अदाकारी से जादू बिखेरने चलाने वाली भानुरेखा गणेशन उर्फ रेखा आज 61 साल की हो गईं हैं। बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा रेखा के बारे में कहा जाता है कि वो जो बनना चाहती थीं वह नहीं बन सकीं। रेखा हमेशा से दुनिया घूमना चाहती थीं और इसी वजह से वह एयरहोस्टेज बनने का सपना देखती थीं। लेकिन ऊपर वाले ने तो रेखा के हाथ में कुछ और ही रेखा खींच रखी थीं। कान्वेंट स्कूल में आयरिश ननों से शिक्षा प्राप्त करने के दौरान रेखा नन भी बनना चाहती थीं। रेखा की अभिनय में हालांकि कोई रूचि नहीं थी लेकिन बिगड़े आर्थिक हालातों के चलते उन्हें स्कूल छोड़कर एक्टिंग करनी

Oct 10,2015, 21:04 PM IST

एक थी शीना और एक है इंद्राणी

शीना बोरा हत्याकांड

एक थी शीना और एक है इंद्राणी

मानव सभ्यता या सामाजिक परिवेश शायद उलटी दिशा में यात्रा करने लगा है। या यों कहें कि हमारा समाज बर्बरता की तरफ मुड़ गई है। भौतिकवादी चकाचौंध में सारे अहम रिश्ते इस सामाजिक बर्बरता की आग में झुलस रही हैं। बर्बर रिश्तों की एक ऐसी ही कहानी के किरदार हैं शीना बोरा (मृत), मिखाइल बोरा, उपेन बोरा, इंद्राणी मुखर्जी, पीटर मुखर्जी, राहुल मुखर्जी, संजीव खन्ना, सिद्धार्थ दास, ड्राइवर श्याम राय। अगर आप वेद-पुराण में भरोसा करते हैं और उसमें लिखी गई बातों को जीवन में तलाशने की या उसपर अमल करने की कोशिश करते हैं तो निश्चित ही शीना और इंद्राणी की कहानी चौंकाती है।

Aug 30,2015, 22:00 PM IST

बजट सत्र और सरकार की चुनौतियां

बजट सत्र

बजट सत्र और सरकार की चुनौतियां

मोदी सरकार के आज से शुरू होने वाले पहले संपूर्ण बजट पर देश ही नहीं, दुनिया की भी नजर है। सोमवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित कर बजट सत्र का शुभारंभ करेंगे। देश में करीब तीन दशक बाद एक पूर्ण बहुमत की सरकार है इसलिए देश की आम जनता, कॉरपोरेट जगत और विदेशी पूंजी निवेशकों को इससे काफी उम्मीदें हैं। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में होने वाले अभिभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समावेशी विकास (सबका साथ सबका विकास) के नारे और राजग सरकार के सामाजिक-आर्थिक एजेंडा के सार की झलक मिलेगी। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बारे में माना जा रहा है कि यह सरकार की नीति का रोड

Feb 23,2015, 0:12 AM IST

शोमैन राज कपूर : खुशरंग हिना

राज कपूर

शोमैन राज कपूर : खुशरंग हिना

फिल्म 'हिना' के टाइटल गीत के लिए जब बातचीत चल रही थी, राज कपूर समझाने में लगे थे कि नायिका हिना का इन्ट्रोडक्शन सीन है जिसमें वो अपने बारे में खुद बता रही है, इस सिचुएशन पर गीत चाहिए। रवीन्द्र जैन लिखकर लाये 'मैं हूं खुशरंग हिना, ज़िन्दगानी में कोई रंग नहीं मेरे बिना'। यह सुनकर राज कपूर बहुत खुश हुए और कहा कि बिल्कुल ऐसे ही मुखड़े की उन्हें उम्मीद थी। दरअसल फिल्म 'हिना' 1985 में 'राम तेरी गंगा मैली' की अपार सफलता के बाद राज कपूर का अगला बड़ा प्रोजेक्ट था। लेकिन उनके जीते जी यह फिल्म बनकर रिलीज होने के लिए तैयार नहीं हो सकी। 1988 में राज कपूर के निधन के बाद उनके बेटे रणधीर कपूर ने फिल्म की कमान

Dec 14,2014, 20:13 PM IST

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