Car buying Tips: कार खरीदना एक बड़ा फैसला होता है. लाखों रुपयों की इस डील में आपका हर कदम फायदा या नुकसान करा सकते हैं. आपक कौन सी कार और कौन सा वेरिएंट ले रहे हैं, इससे तो कीमत पर फर्क पड़ता ही है. साथ ही आप किस महीने में कार खरीद रहे हैं, यह फैसला भी जेब पर सीधा असर डालता है. अक्सर लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं कि उन्हें दिसंबर में कार खरीदनी चाहिए या फिर जनवरी में. यहां हम इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश करते हैं.


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नई कार दिसंबर में खरीदें या जनवरी में?
बहुत से लोगों का मानना होता है कि वह जनवरी में कार लेना पसंद करते हैं क्योंकि सिर्फ एक महीना इंतजार करने पर आपको एक साल बाद की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट मिल जाएगी. हालांकि अगर सस्ते में कार खरीदने की बात आती है तो आपके लिए दिसंबर महीना ही बेस्ट रह सकता है. इसकी कुछ वजह हैं. 


1. भारी डिस्काउंट: 
दिसंबर महीने में अधिकतर कार कंपनियों अपनी कारों पर भारी डिस्काउंट ऑफर करती हैं. इसमें कैश डिस्काउंट से लेकर एक्सचेंज बोनस और कार्पोरेट छूट शामिल रहती है. उदाहरण के लिए- इस महीने कुछ कारों पर 2.5 लाख रुपये तक की छूट मिल रही है. 


2. जनवरी में कीमतों में बढ़ोतरी: 
दूसरी बड़ी वजह है कि जनवरी में कार की कीमतें बढ़ जाती है. मारुति से लेकर टाटा मोटर्स और मर्सिडीज तक, जनवरी में अपनी गाड़ियों के दाम में बढ़ोतरी का ऐलान कर देती हैं. यानी दिसंबर में जो कार आपको डिस्काउंट पर मिल रही है, वह अगले महीने आपको और महंगी मिलेगी. 


3. रिसेल वैल्यू में कोई बड़ा अंतर नहीं:
बहुत से लोग मानते हैं कि कार की मैन्युफैक्चरिंग तारीख में एक साल का अंतर होने से रिसेल वैल्यू पर बड़ा असर होता है. ऐसा बिलकुल गलत है. कुछ साल बाद कार बेचते समय सबसे ज्यादा फर्क इस बात से पड़ता है कि उस समय नई कार की क्या कीमत है. ना कि इस बात से कि आपकी कार 2023 की है या 2022 की. 


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