दिल्ली में फिर चला सकेंगे 10 साल से पुराने डीजल वाहन, पूरी करनी होगी सिर्फ 1 शर्त
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दिल्ली में फिर चला सकेंगे 10 साल से पुराने डीजल वाहन, पूरी करनी होगी सिर्फ 1 शर्त

इलेक्ट्रिक किट की फिटिंग कराने के बाद अगले 10 साल के लिए पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली में चलाया जा सकेगा. ये खबर दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत बनकर आई है.

पुराने डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक किट के साथ दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है

नई दिल्ली: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने घोषण कर दी है कि पुराने डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक किट के साथ दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है. ट्रांसपोर्ट विभाग सामान्य इंजन से चलने वाली कारों में इलेक्ट्रिक किट लगाने वाली निर्माता कंपनियों से संपर्क में है ताकि इन वाहनों को इलेक्ट्रिक बनाया जा सके. ये रेट्रोफिटिंग कराने के बाद अगले 10 साल के लिए पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली में चलाया जा सकेगा. ये खबर दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल वाहन मालिकों के लिए बड़ी राहत बनकर आई है.

  1. दिल्ली में फिर चला सकेंगे 10 साल पुराने डीजल वाहन
  2. राज्य सरकार की 1 शर्त पूरी करने पर मिलेगी अनुमति
  3. हल्के इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहन नो-एंट्री में भी चलेंगे

इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने का मौका होगा

कैलाश गहलोत ने कहा कि, “दिल्ली में अब सामान्य ईंधन वाले वाहनों को इलेक्ट्रिक किट लगवाने की अनुमति दे दी गई है. जो डीजल वाहन टैस्ट में फिट पाए जाते हैं उनके पास इलेक्ट्रिक इंजन में बदलने का मौका होगा. विभाग परीक्षण एजेंसियों द्वारा स्वीकृत पूरी तरह इलेक्ट्रिक किट के निर्माताओं से बात करेगा. ये किट लगवाने के बाद 10 साल से पुराने डीजल वाहन राजधानी में चलाए जा सकते हैं.” नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून ने 2015 और सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में आदेश जारी कर दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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हल्के इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों को नो-एंट्री में भी एंट्री

इलेक्ट्रिक वाहनों को और बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में राज्य सरकार ने हल्के इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों को नो-एंट्री के समय भी राजधानी की करीब 250 सड़कों पर चलने की अनुमति दे दी है. गहलोत ने आगे कहा कि, “हल्के इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों के लिए अच्छी खबर है. इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाया जाए, इसके लिए हमने इन वाहनों से प्रतिबंध हटा लिया है और नो-एंट्री के समय भी इन्हें सड़कों पर चलाया जा सकता है. हमने जबसे EV नीति लॉन्च की है तबसे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग 95% तक बढ़ी है.”

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