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नई दिल्लीः दिल्ली सरकार जल्द ही राज्य ट्रांसपोर्ट विभाग के खेमे में 1,500 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने वाली है. दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि डीटीसी के पूरे यातायात को इलेक्ट्रिक बनाने का लक्ष्य लेकर राज्य सरकार चल रही है. केंद्र सरकार की एजेंसी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेस लिमिटेड (CESL) ने भी 5,500 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है जिसमें 5,580 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की बात सामने आई है, इनमें 130 डबल-डेकर बसें शामिल होंगी.
गहलोत ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा, -माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विजन के मुताबिक हम बसों को 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बनाने के काम में लगे हैं. दी ग्रैंड चैलेंज के अंतर्गत जल्द ही डीटीसी में 1,500 इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी. कन्वर्जेंस सीईएसएल ने आरएफपी की घोषणा कर दी है. इस स्तर पर इलेक्ट्रिक बसें चलाने वाला दिल्ली पहला राज्य होगा.- सीईएसएल की मंशा 5 मेट्रो सिटीज में 5,480 सिंगल-डेक इलेक्ट्रिक बसें और 130 डबल-डेकर बसें चलाने की है.
गहलोत के बयान में ये जानकारी भी मिली है कि इलेक्ट्रिक बसों का पहला जत्था जुलाई 2022 तक डीटीसी में शामिल किया जा सकता है. सीईएसएल राज्य सरकारों के इलेक्ट्रिक यातायात को लेकर निर्धारित टार्गेट पूरा करने में मदद करना चाहती है और ये उम्मीद करती है कि देशभर में इन वाहनों के लिए एक शानदार इंफ्रास्ट्र्रक्चर तैयार किया जाएगा. सोमवार को ही दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीटीसी की पहली इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाई है और कहा है कि अप्रैल 2022 तक 300 इलेक्ट्रिक बसों को डीटीसी सेवा में शामिल किया जाएगा.
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केजरीवाल ने ये भी बताया कि आने वाले कुछ सालों में 2,000 इलेक्ट्रिक बसें राज्य सरकार खरीदेगी. इलेक्ट्रिक बस पेश करते हुए इन्होंने कहा कि शहर के ट्रांसपोर्ट विभाग के लिए ये एक मील का पत्थर है. दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण में लाने के लिए ये बहुत जरूरी कदम है. ये वाहन कोई आवाज नहीं करते और बूंद भर पेट्रोल-डीजल नहीं पीते. पूरी तरह चार्ज होने में इस ई-बस को एक से डेढ़ घंटा लगता है और एक बार चार्ज करने पर इसे 120 किमी तक चलाया जा सकता है.