अमेरिकन ड्रीम के साथ बंदा पहुंचा, दो नौकरियां की; आज है दुनिया का सबसे रईस
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अमेरिकन ड्रीम के साथ बंदा पहुंचा, दो नौकरियां की; आज है दुनिया का सबसे रईस

Tesla और SpaceX वाले दुनिया के सबसे अमीर आदमी Elon Musk की कहानी इंस्पायर करने वाली है. सबसे अमीर बनने के लिए उन्हेंने कंगाली से शुरुआत की और आज पूरी दुनिया उन्हें जानती है.

इतना बड़ा आदमी बनने के पीछे की भी एक इंस्पायर करने वाली कहानी है

नई दिल्लीः इलोन मस्क फिलहाल दुनिया के सबसे अमीर आदमी बने हुए हैं और जिस इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के सीईओ हैं वो अपनी रेस में बहुत आगे चल रही है. इलोन मस्क इतनी बड़ी शख्सियत बन चुके हैं कि दुनिया के बहुत सारे लोग उन्हें अपना आइडियल मानते हैं. लेकिन इतना बड़ा आदमी बनने के पीछे की भी एक इंस्पायर करने वाली कहानी है जो आज हम आपको बता रहे हैं. इलोन मस्क जब साउथ अफ्रीका से यूएस आए थे जो उनकी जेब बिल्कुल खाली थी और जब उनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ तो वो 1 लाख डॉलर (करीब 76 लाख रुपये) के कर्ज में थे.

  1. स्कूल में धमकाए गए, पिता मानते थे Evil
  2. 17 साल की उम्र में खाली जेब US पहुंचे
  3. टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ दी ईयर बने

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टाइम मैगजीन में पर्सन ऑफ दी ईयर

अब माहौल ऐसा हो चुका है कि पिछले हफ्ते टेस्ला के फाउंडर और स्पेस उद्यमी का नाम टाइम मैगजीन में पर्सन ऑफ दी ईयर के लिए चुना गया है. मस्क ने कुछ समय पहले ही दुनिया के सबसे अमीर आदमी जेफ बेजोस को पीछे छोड़ा है जो स्पेस की दौड़ में मस्क का मुकाबला करते हैं और अमेजॉन के फाउंडर भी हैं. अपने हालिया ट्वीट में मस्क ने कहा, "मैं जब यूएस आया तो मेजी जेब खाली थी और ग्रेजुएशन पूरा होने तक मुझपर 1 लाख डॉलर का कर्ज था. स्कॉलरशिप के अलावा मैं जब स्कूल में था तो मैं दो जॉब्स करता था."

12 साल की उम्र में मस्क ने प्रोग्रामिंग सीखी

17 साल की उम्र में यूएस पहुंचने की बात पर उनके ट्वीट का जवाब देते हुए होल मार्स कैटेलॉग ने लिखा, "जब इलोन मस्क अमेरिका पहुंचे तो इन्होंने इस देश के लिए पैसा बनाया. इन्होंने सरकार के लिए रेवेन्यू जनरेट किया. इन्होंने अमेरिका के निर्यात को बढ़ाया. मेरे हिसाब से इन्होंने नेशनल सिक्योरिटी को भी आधुनिक बनाया है. इन्होंने लोगों को रोजगार दिया और उन्हें करोड़पति बनाया." इलोन मस्क की मां केनेडियन और पिता साउथ अफ्रीकन हैं. इन्हें स्कूल में हमेशा धमकाया जाता था, यहां तक कि इनके पिता इन्हें ईवल यानी शैतान कहते थे. 12 साल की उम्र में मस्क ने प्रोग्रामिंग सीखी और ब्लास्टर नाम का एक गेम बनाकर उसे 500 डॉलर में बेचा.

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काबीलियत का अंदाजा होते ही यूएस चले गए

अपनी काबीलियत का अंदाजा होते ही इलोन मस्क यूएस चले गए और वहां इन्होंने 2 बैचलर्स डिग्री की, इसके बाद स्टेनफोर्ड से पीएचडी भी शुरू की, लेकिन सिर्फ दो दिन बाद ही उन्होंने इसे छोड़ दिया. इंटरनेट से जुड़े मौकों की सिलिकनवैली में भरमार थी और यहीं मस्क और उनके भाई किंबल ने जिप2 नाम की एक कंपनी शुरू की. इसी साल अक्टूबर में उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की वेल्यू ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है, वहीं स्पेसएक्स ने नासा के साथ हाथ मिलाया है और लगातार अंतरिक्ष को लेकर ये कंपनी काम कर रही है.

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