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नई दिल्लीः इंडियन आर्मी के बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. इसकी वजह लद्दाख में 19,300 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड बनाना और उसपर डामर चढ़ाना है. इस रास्ते का नाम उमलिंग ला पास है जो खारडुंग ला पास के बाद वाहन चलाए जाने के लिए बनाई गई दुनिया की सबसे ऊंची और पहले से भी चुनौतीपूर्ण रोड है. रोड बनाने वाली एजेंसी - BRO को उत्तर भारत की सबसे दुर्गम जगहों पर सड़कें बनाने में महारथ हासिल हो चुकी है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री, नितिन गडकरी ने भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के इस कारनामे पर बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर के माध्यम से कहा, “लद्दाख के 19,024 फीट ऊंचे उमलिंग ला पास पर दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड बनाने और उसपर डामर चढ़ाने के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर BRO India को हार्दिक बधाई.”
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52 किमी लंबे उमलिंग ला पास का निर्माण इसी साल अगस्त में पूरा हुआ है जो टारमैक रोड है. ये पास पूर्वी लद्दाख से चुमार सेक्टर को जोड़ता है. ये रास्ता लेह से चिसुमले और धेमचुक पहुंचने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है जो स्थानीय लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होने वाला है. ठंड में इस रास्ते पर तापमान -40 डिग्री तक चला जाता है और यहां ऑक्सीजन की मात्रा समुद्रतल के मुकाबले 50 प्रतिशत कम हो जाती है. इस सड़क ने 18,953 फीट ऊंचे बोलिविया के रास्ते का रिकॉर्ड तोड़ा है जो सड़क उतरुंकु नाम ज्वालामुखी से जुड़ती है.