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चंडीगढ़: छापेमारी के बाद यदि बेहिसाबी धन रखने वाले लोग इसका स्रोत नहीं बता पाएंगे तो उन पर 137 प्रतिशत का कर और जुर्माना लगेगा। आयकर विभाग ने आज यह जानकारी दी।
विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि यदि छापेमारी के दौरान अघोषित आय स्वीकार की जाती और आमदनी का स्रोत बताया जाता है तो यह कर और जुर्माना 107.25 प्रतिशत होगा। विभाग ने कहा कि कर चोरी करने वाले नोटबंदी के बाद बैंक जमा पर 50 प्रतिशत का भुगतान कर पाक साफ होकर निकल सकते हैं।
विभाग ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति छापेमारी के दौरान अपनी अघोषित आय को स्वीकार नहीं करता है। ऐसे में यदि कर नहीं दिया गया है और वह आमदनी का स्रोत नहीं बता पाता है तो ऐसे में कर जुर्माना 137.25 प्रतिशत लगेगा।
प्रधान मुख्य आयुक्त आयकर (एनडब्ल्यूआर) राजेंद्र कुमार ने यहां कहा, ‘हम लोगों से अपनी बैंकों तथा डाकघरों में जमा अघोषित नकदी का प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के तहत खुलासा करने को कह रहे हैं।’ यह योजना 17 दिसंबर को पेश की गई है और 31 मार्च, 2017 तक खुली रहेगी।