...और 'कंगाल' हो जाएगा पाकिस्तान, FATF के ब्लैकलिस्ट करने से पड़ेंगे ये 5 असर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में चेतावनी जारी किए जाने के बाद अब पड़ोसी मुल्क को एक और झटका लगा है.
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नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की तरफ से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के बारे में चेतावनी जारी किए जाने के बाद अब पड़ोसी मुल्क को एक और झटका लगा है. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद की फंडिंग पर निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को डाउनग्रेड कर ब्लैकलिस्ट कर दिया है. पाकिस्तान के खिलाफ यह कार्रवाई टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में नाकाम रहने पर की गई है.
ब्लैकलिस्ट में डाले जाने से पहले पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में था. सूत्रों के अनुसार एफएटीएफ ने जांच में पाया कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को फंडिंग से जुड़े 40 में से 32 स्टैंडर्ड पर पाक खरा नहीं उतर सका. इसके बाद पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान पर की गई सख्त कार्रवाई के बाद पड़ोसी मुल्क की हालत और खराब हो जाएगी. कोई भी देश पाकिस्तान के ऊपर विश्वास नहीं करेगा. आगे पढ़िए एफएटीएफ की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
असर नंबर 1 - पाकिस्तानी रुपये में गिरावट संभव
एफएटीएफ के ताजा कदम के बाद पाकिस्तानी रुपये में और गिरावट आ सकती है. जानकारों का मानना है कि इस साल के अंत तक पाकिस्तान का रुपया यूएस डॉलर के मुकाबले गिरकर 180 से 190 रुपये तक पहुंच सकता है. दरअसल पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, ऐसे में पड़ोसी मुल्क में डॉलर की मांग बढ़ रही है. इस समय पाकिस्तानी करेंसी डॉलर के मुकाबले 156 रुपये के स्तर पर है.
असर नंबर 2 - कर्ज मिलने में होगी मुश्किल
पाकिस्तान पहले ही कर्ज के बोझ से दबा हुआ है. इस कारण उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दिनों आईएमएफ ने उसे बमुश्किल 6 अरब डॉलर का कर्ज देने पर राजी हुआ था. ताजा घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक, आईएमएफ, एडीबी, यूरोपियन यूनियन जैसी संस्थाओं से कर्ज मिलना मुश्किल हो जाएगा.
असर नंबर 3 - आर्थिक हालत और कमजोर होगी
पाकिस्तान में पहले ही महंगाई अपने चरम पर है. अब जब एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया है तो ऐसे में पड़ोसी मुल्क की आर्थिक हालत और कमजोर होना तय माना जा रहा है. महंगाई की मार झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और बेबस हो सकते हैं. पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल के बाद पाक में सोने की कीमतें अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गई है. शुक्रवार को कराची में 24 कैरेट सोने का रेट 87,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर चल रहा है.
असर नंबर 4 - निवेश करने से कतराएंगे देश
महंगाई और आतंकवाद की मार झेल रहे पाकिस्तान में कोई भी यूरोपियन देश पहले ही निवेश मुश्किल से कर रहे हैं. अब एफएटीएफ की तरफ से ब्लैकलिस्ट किए जाने के बाद यूरोपीय देश पाकिस्तान में निवेश से अपने हाथ खींच लेंगे. दरअसल किसी भी देश में विदेशी निवेश से उसकी अर्थव्यवस्था में मजबूती होती है और जनता को रोजगार मिलता है.
असर नंबर 5 - रैंकिंग में आएगी गिरावट
बल रेटिंग एजेंसी मूडीज, स्टैंडर्ड ऐंड पूअर और फिच जैसी एजेंसियां पाकिस्तान की रेटिंग और ज्यादा गिरा सकती है. इन एजेंसियों की तरफ से रेटिंग घटाए जाने का असर भी किसी भी देश की जीडीपी पर पड़ता है.
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