नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह देश में दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 5,000 टन उड़द का भी आयात करने पर विचार कर रही है ताकि दालों की कीमतों पर अंकुश लगे। इतनी ही मात्रा में तुअर के आयात की निविदा पहले ही जारी की जा चुकी है।


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ज्यादातर दालों के खुदरा भाव इस समय 100 रुपये प्रति किलो ग्राम से उपर चल रहे हैं। यह तेजी मुख्यत: पिछले साल प्रतिकूल मौसम के कारण दलहन उत्पादन में कमी के कारण है। 2014-15 में दलहन उत्पादन 20 लाख टन घट कर करीब 1.74 करोड़ टन रह गया था। देश में दलहन खपत उत्पादन से अधिक है और सालना करीब 40 लाख टन दाल-दलहन आयात करना पड़ता है।


उपभोक्ता मामलों के सचिव सी विश्वनाथ ने यहां महंगाई पर राज्यों के खाद्य मंत्रियों की बैठक में कहा कि जून के बाद कुछ आवश्यक वस्तुओं के दामों में सामान्यत: वृद्धि देखी जाती है। हम दालों की कीमतों में यह वृद्धि देख रहे हैं। आपूर्ति बढ़ाने के लिए हम 5,000 टन उड़द के आयात का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5,000 टन तुअर दाल के आयात के लिए निविदा पहले ही जारी की जा चुकी है और इसकी आवक सितंबर तक होने की उम्मीद है। विश्वनाथ ने कहा कि घरेलू आपूर्ति बढाने के लिए काबुली चने, जैविक दालों और मसूर को छोड़ कर बाकी दालों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिए है। इसके अलावा राज्य सरकारों को दालों पर स्टाक सीमा लगाने की छूट दी है ताकि व्यापारी जमाखोरी नहीं कर सकें। स्टाक सीमा का अदेश सितंबर तक के लिए है।


उपभोक्ता मामलों के सचिव ने यह भी कहा कि इस साल अच्छे मानसून के चलते इस मौसम में दालहनों की बुआई अच्छी हो रही है और इससे आगे इनकी कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।