Mumbai Dharavi Slum Redevelopment: एशिया के सबसे बड़े स्लम धारावी का कायाकल्प की जिम्मेदारी का काम अडानी ग्रुप के पास है. अडानी धारावी की कायापलट की तैयारी शुरू कर चुके हैं. धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बागडोर संभाल रहे अडानी इसके लिए डेटा कलेक्शन का काम फरवरी से शुरू करने जा रहे हैं. फरवरी से डेटा कलेक्शन का काम शुरू होने जा रहा है. रीडेवलपमेंट के बाद किसको मुफ्त घर दिया जाएगा और किसे नहीं, इसे लेकर जल्द ही सर्वे का काम शुरू होगा. 


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अडानी की कंपनी इसके लिए बायोमीट्रिक सर्वे करने वाली है. अडानी इस सर्वे से धारावी के 1 मिलियन गरीब निवासियों से महत्वपूर्ण डेटा और बायोमेट्रिक्स कलेक्ट करेगी.  इस डेटा के आधार ही धारावी रिडेवलपमेंट के बाद उन्हें पक्का मकान मिलेगा. हालांकि ये काम आसान नहीं है. करीब 600 एकड़ में फैले इस धारावी को बदलने के लिए कई चुनौतियां हैं, जिसे अडानी को पार करना होगा.  


कैसे होगा डेटा कलेक्शन


धारावी में डेटा कलेक्ट करने के लिए अडानी ग्रुप की टीम लोगों के घर-घर जाएगी. वहां से लोगों की जानकारी जुटाएगी. सर्वे में लोगों सवाल कर उसने जानकारी हासिल की जाएगी कि वो कब से वहां रहते हैं, क्या काम करते हैं. उनसे कागज और बायोमीट्रिक जानकारियों के आधार पर उनके  मालिकाना हक का डेटा कलेक्ट करेगी।  


कभी यह धारावी मुंबई के बाहर हुआ करता था, आज से एक ओर बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और दूसरी ओर दादर और माहिम जैसी पुरानी रिहाइश इलाकों से घिरा है. एशिया के इस सबसे बड़े स्लम के रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत लोगों को नए घर मिलेंगे. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उन लोगों को नया घर मिलेगा, जो साल 2000 से पहले से धारावी के एरिया में रह रहे हैं. यहां रहने वाले करीब 7 लाख लोगों को इस रिडेवलपमेंट का इंतजार है. अडानी ग्रुप धारावी झुग्गी-बस्ती के मालिकाना हक वाले लोगों को 350 वर्ग फुट के नए फ्लैट देगा. आपको बता दें कि साल 2022 में अडानी को धारावी के रिडेवलपमेंट का काम मिला था.