Income Tax Slab Rates: सरकार ने आम बजट 2020-21 में ऑप्शनल इनकम टैक्स सिस्टम शुरू किया था. इसमें लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों के साथ टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, इस सिस्टम में किराया भत्ता, होम लोन के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य टैक्स छूट नहीं दी जाती है.
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Nirmala Sitharaman on Income Tax: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा. नौकरीपेशा लोग वित्त मंत्री से इनकम टैक्स में छूट की आस लगाए बैठे हैं. लेकिन उससे पहले टैक्स एक्सपर्ट्स ने नए टैक्स स्लैब पर बयान दिया है. टैक्स एक्सपर्ट्स ने कहा कि आगामी आम बजट में ऑप्शनल टैक्स सिस्टम को लुभावना बनाने के लिए इसमें पीपीएफ और अन्य टैक्स सेविंग्स स्कीम्स के जरिए कटौती की इजाजत दी जानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने अधिकतम 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब की सीमा को भी 20 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की है.
सरकार ने आम बजट 2020-21 में ऑप्शनल इनकम टैक्स सिस्टम शुरू किया था. इसमें लोगों और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) पर कम दरों के साथ टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, इस सिस्टम में किराया भत्ता, होम लोन के ब्याज और 80सी के तहत निवेश जैसी अन्य टैक्स छूट नहीं दी जाती है.
इसमें कितना है टैक्स स्लैब
इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की कुल इनकम टैक्स फ्री है. इसके बाद 2.5 लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की कुल इनकम पर 5 फीसदी, 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक की कुल इनकम पर 10 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक इनकम पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है. इस स्कीम को लेकर टैक्सपेयर्स ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आए, क्योंकि कई मामलों में इसे अपनाने पर उनको ज्यादा टैक्स देना पड़ा.
नए टैक्स सिस्टम पर ये बोले एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स ने कहा कि ऑप्शनल टैक्स सिस्टम को लुभावना बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट 2023 में टैक्स फ्री इनकम और हायर टैक्स रेट की सीमा बढ़ाने के अलावा कुछ लोकप्रिय टैक्स कटौती को भी शामिल करना चाहिए. नांगिया एंडरसन इंडिया के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि सरकार को ऑप्शनल टैक्स सिस्टम में टैक्स दरों को ज्यादा तर्कसंगत बनाना चाहिए. उन्होंने इसे पूर्वगामी कटौतियों या छूटों के मुताबिक बनाने की पैरोकारी की.
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर सुधाकर सेथुरमन ने कहा कि सरकार कुछ कटौतियों की इजाजत देने पर विचार कर सकती है. उन्होंने कहा कि प्रक्रिया को जटिल बनाए बिना ऐसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस योजना में भी जीवन बीमा प्रीमियम, होम लोन का ब्याज और अन्य कटौती दी जा सकती हैं.
(इनपुट-PTI)
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