ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन.कॉम (Amazon.com) ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि देश में स्थित उसका लोकल पार्टनर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limeted) शेयरधारकों को गलत सूचनाएं देकर के गुमराह कर रहा है.
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नई दिल्लीः ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन.कॉम (Amazon.com) ने मार्केट रेग्यूलेटर सेबी (SEBI) को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि देश में स्थित उसका लोकल पार्टनर फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limeted) शेयरधारकों को गलत सूचनाएं देकर के गुमराह कर रहा है. अमेजन ने सेबी और शेयर मार्केट को पत्र लिखकर कहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और फ्यूचर की डील पर किसी तरह का कोई फैसला करने से पहले सिंगापुर की मध्यस्ता अदालत के अंतरिम फैसले को ध्यान में रखें.
अदालत ने लगा दी है सौदे पर रोक
अंतरिम आदेश में मध्यस्थता अदालत ने फ्यूचर समूह और मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपये के सौदे की समीक्षा करते हुए उस पर रोक लगा दी है. सूत्रों के अनुसार अमेजन ने अंतरिम आदेश की प्रति भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बाजार (सेबी), बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के साथ साझा की है.
इनकी मंजूरी के बिना नहीं होगा सौदा पूरा
फ्यूचर समूह-आरआईएल सौदा विभिन्न नियामकीय प्राधिकरणों की मंजूरी पर निर्भर है. इसमें सेबी और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) शामिल हैं. सूत्रों ने कहा कि अमेजन ने लिखा है कि अनुबंध बाध्यताओं के महत्व को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि सेबी और अन्य प्राधिकरण प्रस्तावित सौदे की समीक्षा करते समय सिंगापुर मध्यस्थता अदालत के अंतरिम आदेश को ध्यान में रखें. इस बारे में अमेजन ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
उल्लेखनीय है कि रविवार को सिंगापुर स्थित एकल न्यायाधीश के मध्यस्थता मंच ने अमेजन के पक्ष में अंतरिम फैसला सुनाया और फ्यूचर-रिलायंस इंडस्ट्रीज के सौदे पर अंतिम निर्णय तक रोक लगा दी थी. फ्यूचर ग्रुप और बियानी परिवार के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. फ्यूचर समूह के एक सूत्र ने अमेजन के आरोपों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि किसी भी धोखाधड़ी या सार्वजनिक या शेयरधारकों को गुमराह करने का कोई सवाल नहीं था.
कुछ भारतीय वकीलों ने तर्क दिया है कि सिंगापुर के मध्यस्थ के आदेश अमेजन के पक्ष में स्वत: लागू नहीं हैं और उन्हें भारतीय अदालत द्वारा समर्थन की आवश्यकता होगी. अमेजन का कहना है कि फ्यूचर-रिलायंस सौदे का मतलब है कि अमेरिकी दिग्गज भारतीय रिटेलर के सबसे बड़े शेयरधारक बनने की संभावना खो देंगे, जिसमें 1,500 से अधिक खुदरा स्टोरों का "अपूरणीय और व्यापक नेटवर्क" है.
फ्यूचर ने तर्क दिया है कि उसने रिलायंस के साथ करार किया क्योंकि COVID-19 महामारी के दौरान इसका खुदरा कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ था और इसके सभी हितधारकों की रक्षा करना महत्वपूर्ण था.
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