जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद अलग-अलग वर्ग की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई राजनीतिक दल इस फैसले को ऐताहासिक बता रहे हैं तो कुछ राजनीतिक दल इसके विरोध में भी बोल रहे हैं.
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नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद अलग-अलग वर्ग की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कई राजनीतिक दल इस फैसले को ऐताहासिक बता रहे हैं तो कुछ राजनीतिक दल इसके विरोध में भी बोल रहे हैं. तमाम प्रतिक्रियाओं के बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी कश्मीर मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. आनंद महिंद्रा ने सोमवार को इस फैसले की प्रशंसा करते हुए सवाल किया कि आखिर पहले ऐसा क्यों नहीं हुआ.
कश्मीरियों को गले लगाना चाहिए
आनंद महिंद्रा ने सोमवार को अपने ट्वीटर हैंडल से ट्विट करते हुआ लिखा कुछ फैसले ऐसे होते हैं, जो जब भी लिए जाते हैं, लोगों की उन पर प्रतिक्रिया आती है. 'आखिर ऐसा पहले क्यों नहीं हुआ.' आज का फैसला भी इसी कैटेगरी में आता है. हम सबको मिलकर इस समय कश्मीरियों को गले लगाना चाहिए. कश्मीर हमारे देश का अभिन्न हिस्सा है. आपको बता दें गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में ऐलान करते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म किया जाता है.
There are some decisions, which when taken, evoke the reaction “Why couldn’t this have happened earlier?” Today’s decision falls in that category. It’s time for us all to embrace Kashmiris as an indistinguishable & inseparable part of our national community.
— anand mahindra (@anandmahindra) August 5, 2019
35 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया
गृह मंत्री के ऐलान के बाद आनंद महिंद्रा की तरफ से किए गए ट्वीट की लोग तारीफ कर रहे हैं. इस ट्वीट को अब तक 35 हजार से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और 6 हजार से ज्यादा यूजर री-ट्वीट कर चुके हैं. गौरतलब है कि केंद्र सरकार की एक बड़ी जीत के रूप में सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर पुर्नगठन विधेयक 2019 राज्यसभा में पारित हो गया. जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने और अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने को लेकर सरकार ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया, जिसे वह पास कराने में कामयाब रही.
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पेश किया. एक बार संसद की मुहर लग जाने पर प्रस्ताव कानून बन जाएगा. इसके अनुसार राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा जाएगा. एक विधानसभा वाला जम्मू एवं कश्मीर और दूसरा बिना विधानसभा वाला लद्दाख क्षेत्र.