जेटली के साथ निर्यातकों की बैठक, जीएसटी अड़चनों से निजात दिलाने की मांग
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जेटली के साथ निर्यातकों की बैठक, जीएसटी अड़चनों से निजात दिलाने की मांग

निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि निर्यात बिक्री पर किसी तरह का कर का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए और प्रतिस्पर्धा के लिए शुल्क वापसी माध्यम से कर रिफंड किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में बोलते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली. (IANS/28 Sep, 2017)

मुंबई: निर्यातकों ने गुरुवार (28 सितंबर) को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात की और प्रोत्साहन तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दिक्कतों से निजात दिलाने की मांग की. यह एक सप्ताह में निर्यातकों की वित्त मंत्री के साथ दूसरी बैठक है. बैठक में यह बात उभरकर आई कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती की एक मुख्य वजह निर्यात में कमी है. गुरुवार की बैठक में उद्योग और निर्यातकों की ओर से जीएसटी रिफंड, छह महीने तक जीएसटी रिटर्न को टालने के अलावा कम्पोजिशन योजना का दायरा बढ़ाने की मांग उठी. निर्यातक चाहते हैं कि जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से उनके समक्ष आ रही दिक्कतों को जल्द हल किया जाए.

निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो ने कहा कि निर्यात बिक्री पर किसी तरह का कर का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए और प्रतिस्पर्धा के लिए शुल्क वापसी माध्यम से कर रिफंड किया जाना चाहिए. फियो के अध्यक्ष गणेश गुप्ता ने कहा, ‘‘रिफंड की समय सीमा को लेकर स्थिति साफ नहीं होने की वजह से 21 सितंबर को अधिसूचित नई शुल्क वापसी दरों से निर्यातकों की दिक्कतें बढ़ी हैं और इससे उनके आर्डर प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में यह सुझाव दिया गया है कि शुल्क वापसी के लिए बदलाव की अवधि को 30 सितंबर, 2017 से बढ़ाकर 31 दिसंबर किया जाए.’’ उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने उनकी बातों को सहानुभूति पूर्वक सुना और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया.

इसके अलावा फियो ने कहा कि वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यातक गंभीर नकदी संकट से जूझ रहे हैं. जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों की वजह से उन्हें रिफंड मिलने में देरी हो रही है. ऐसे में उन्होंने वित्त मंत्रालय से उन्हें पूर्व में मिल रही रियातकों को बहाल करना चाहिए और रिफंड की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए.

फियो ने आगाह किया है कि टाइल्स, हस्तशिल्प, परिधान और कृषि जिंसों के निर्यात में गिरावट आ सकती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यातकों का दबदबा है. फियो ने बयान में कहा कि वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यातकों का कुल निर्यात में हिस्सा 30 प्रतिशत है और वे सिर्फ दो से चार प्रतिशत के मामूली मार्जिन पर काम करते हैं. ‘‘जीएसटी की वजह से उनकी लागत बढ़ी है विशेषरूप से उन वस्तुओं के मामले में जिन पर जीएसटी की दर ऊंची है. उन्हें उन पर जीएसटी देना पड़ रहा है और रिफंड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.’’ 

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