भ्रामक पाए गए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवा कंपनियों के कोविड-19 इलाज वाले 50 विज्ञापन
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भ्रामक पाए गए आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवा कंपनियों के कोविड-19 इलाज वाले 50 विज्ञापन

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने अप्रैल में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा कंपनियों के कोविड-19 के इलाज का दावा करने वाले 50 विज्ञापनों को भ्रामक पाया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने अप्रैल में आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवा कंपनियों के कोविड-19 के इलाज का दावा करने वाले 50 विज्ञापनों को भ्रामक पाया है. एएससीआई ने कार्रवाई के लिए इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दी है.

एएससीआई ने बयान में कहा कि ये विज्ञापन विभिन्न मीडिया मंचों पर प्रसारित हुए हैं. एएससीआई ने कहा कि ये विज्ञापन अभियान आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, एवं होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय के एक अप्रैल, 2020 के आदेश का उल्लंघन करते हैं. इस आदेश में आयुष से संबंधित प्रचार और विज्ञापन पर रोक लगाई गई है.

बाबा रामदेव ने लॉन्च की थी कोरोनिल दवा
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज की कोरोनिल दवा पेश करने की घोषणा की थी. उसके कुछ घंटे बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा का प्रचार कोविड-19 के इलाज की दवा के रूप में रोक लगा दी थी. एएससीआई ने कहा कि आयुष मंत्रालय ने उससे इस तरह के विज्ञापनों की जानकारी देने को कहा था. परिषद ने इसके साथ ही 50 ऐसी कंपनियों की सूची जारी की है जिन्होंने अप्रैल में कोविड-19 के इलाज की दवा पेश करने का दावा किया था.

इस होम्योपैथिक दवा के विज्ञापन पर भी रोक
दिलचस्प तथ्य है कि इस सूची में वे इकाइयां भी शामिल हैं जो होम्योपैथिक दवा ‘आर्सेनिक एल्बम 30’ का प्रचार कोरोना वायरस के इलाज की दवा के रूप में कर रही थीं. हालांकि, इस सूची में कोई बड़ा ब्रांड शामिल नहीं है. इनमें ज्यादातर देश के विभिन्न हिस्सों में कार्यरत स्थानीय कंपनियां हैं.

इसके अलावा एएससीआई ने आयुष मंत्रालय के दवा एवं चमत्कारिक उपचार नियमनों के संभावित उल्लंघन के 91 अन्य मामलों को भी भ्रामक करार दिए. इस सूची में वे कंपनियां शामिल हैं जो मधुमेह, कैंसर, यौन समस्याओं, रक्तचाप और मानसिक तनाव के इलाज का दावा कर रही हैं.

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