Auto सेक्टर पर मंदी की मार, 10 लाख नौकरियां जाने का खतरा
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Auto सेक्टर पर मंदी की मार, 10 लाख नौकरियां जाने का खतरा

देश में करीब 300 डीलरशीप बंद हो चुकी है. ऐसे में ट्रेन्ड स्टॉफ को छोड़ दें तो हेल्पर लेवल पर छंटनी शुरू हो चुकी है. 

फाइल फोटो

चेन्नई: ऑटो सेक्टर का हाल ठीक नहीं है. लंबे समय से इस सेक्टर में मंदी छाई हुई है. कई रिपोर्ट के मुताबिक, हजारों लोगों की नौकरी जा चुकी है लेकिन, अभी तक इस सेक्टर में बड़े पैमाने छंटनी शुरू नहीं हुई है. लेकिन, छंटनी की पूरी संभावना बनी हुई है. अगर, बहुत जल्द इस सेक्टर में सुधार के लिए ठोस कदम नहीं उठाये गये तो आने वाले दिनों में 10 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं.

मांग में भारी कमी है, जिसकी वजह से सभी कंपनियों ने प्रोडक्शन या तो कम कर दिया है या रोक दिया गया है. यह हाल पिछले कई महीनों से है, जिसकी वजह से उन्हें सभी कर्मचारियों को सैलरी देना महंगा पड़ रहा है. देश में करीब 300 डीलरशीप तो बंद हो चुकी है. ऐसे में ट्रेन्ड स्टॉफ को छोड़ दें तो हेल्पर लेवल पर छंटनी शुरू हो चुकी है. इन लोगों का मानना है कि ट्रेन्ड कर्मचारियों को बाद में खोजना मुश्किल होता है. ऐसे में कुछ दिनों तक ऐसे कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित है.

वाहन विमिनर्माताओं ने उत्पादन में 15-20 फीसदी की कटौती की है जिससे ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए संकट की स्थिति पैदा हो गई है. अगर यही दौर जारी रहा तो आने वाले दिनों 10 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ऑटोमोटिव कंपोनेंट उद्योग का 2.3 फीसदी योगदान है, जबकि विनिर्माण (इंफ्रास्ट्रक्चर) जीडीपी में इसका योगदान 25 फीसदी है और इस क्षेत्र में 50 लाख लोगों को रोजगार मिलता है. 

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पिछले वित्तवर्ष में उद्योग की बिक्री 3.95 लाख करोड़ थी जोकि एक साल पहले की बिक्री से 14.5 फीसदी अधिक थी. चालू वित्तवर्ष में उद्योग की विकास दर तकरीबन सपाट रह सकती है. वहीं, वाहनों में भारत स्टेज-6 (बीएस-6) उत्सर्जन मानक का अनुपालन करने के लिए उद्योगपतियों ने भारी निवेश किया है. इसलिए बिक्री में थोड़ी भी गिरावट से बॉटमलाइन पर भारी प्रभाव पड़ता है.

(इनपुट-IANS से भी)

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