बेस्ट की बसों का सबसे कम किराया 5 रूपया और सबसे ज्यादा किराया 20 रुपया है. जबकि, एसी बसों का सबसे कम किराया 6 रूपया और सबसे ज्यादा किराया 25 रूपए रखा गया है.
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मुंबई: एकबार फिर बेस्ट (BEST) की बसों को भरने की बात कही जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि किराये में कटौती करने से सवारियों की संख्या बढ़ेगी जिससे ज्यादा राजस्व आएगा. अब बेस्ट की बसों का सबसे कम किराया 5 रूपया और सबसे ज्यादा किराया 20 रुपया है. जबकि, एसी बसों का सबसे कम किराया 6 रूपया और सबसे ज्यादा किराया 25 रूपए रखा गया है. बेस्ट के किराए के ये नए रेट 8 जुलाई से लागू किए गए हैं. लोगों को इस नए किराए रेट के बारे में मालूम हो इसके लिए पेपर के साथ ही बेस्ट के बस स्टॉप पर खड़े होकर घोषणा भी की जा रही है.
बेस्ट में किराया कम होने के बाद यात्रियों का कहना है कि पहले 8 रूपए होने के कारण कम ही जाना होता था, लेकिन अब 5 रूपए में आसानी से जाया जा सकता है. बेस्ट के अधिकारियो को उम्मीद है कि किराया कम होने के बाद छोटे सफर जैसे एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक जाने के लिए लोग लोकल ट्रेन, टैक्सी या ऑटो लेने के बजाए बेस्ट की बसों में सफर करेंगे.
दरअसल बेस्ट बसें किराया कम करके अपने उस स्वर्णिम दौर की वापसी चाहती है, जब इसे मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन कहा जाता था. साल 2015 के पहले बेस्ट अपनी 3600 बसें और 38000 कर्मचारियों की बदौलत शहर के 40 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने का काम करती थी. लेकिन इसके बाद बेस्ट का ग्राफ जो गिरना शुरू हुआ फिर कभी संभल नहीं पाया. बसों की संख्या में कमी हो गई, कर्मचारियों की तनख्वाह तक देना मुश्किल हो गया है. बेस्ट के लोग कई बार हड़ताल पर गए लेकिन हालात नहीं बदल पाए. हालत ये हो गई कि कभी फायदे में रहने वाली बेस्ट कई सौ करोड़ के घाटे में चली गई. हालात ये हो गए कि शहर के कई बड़े लोग प्रशासन को चिठ्ठी लिखकर बेस्ट को बचाने की अपील तक की.
किराया कम होने के बाद यात्रियों की संख्या बढ़ने की पूरी उम्मीद है. अगर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो उनके लिए बेस्ट के पास बसें कहां से आएंगी? फिलहाल बेस्ट की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर यात्रियों की संख्या में अच्छी-खासी बढ़ोतरी होती हो तो वे आने वाले दिनों में 400 मिनी बसें खरीद सकते हैं लेकिन ये सबकुछ निर्भर होगा यात्रियों की संख्या पर.