व्यापारिक संगठनों ने सरकार से जल्द से जल्द ई कॉमर्स रेगुलेट्री पॉलिसी लाने के साथ ही Anti Predatory Pricing Act लाने की भी मांग की है.
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नई दिल्ली : त्योहारी मौसम में ई कॉमर्स कंपनियां कई आकर्षक ऑफर लेकर सामने आई हैं. वहीं व्यापारियों के संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से ई कॉमर्स कंपनियों की इस नीति का लम्बे समय से विरोध किया जा रहा है. वहीं व्यापारिक संगठन ने सरकार से जल्द से जल्द ई कॉमर्स रेगुलेट्री पॉलिसी लाने के साथ ही Anti Predatory Pricing Act लाने की भी मांग की है. व्यापारियों की इस मांग को ध्यान में रखते हुए कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने 10 सदस्यों का एक पैनल तैयार किया है जो ई कॉमर्स कंपनियों की ओर से दी जाने वाली भारी छूट व ऑनलाइन रिटेलिंग पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा.
नीयमों का उल्लंघन कर रही हैं ई कॉमर्स कंपनियां
संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि लगभग सभी ई कॉमर्स कंपनियों में एफडीआई का पैसा लगा हुआ है. और
एफडीआई पॉलिसी 2016 के नियमों के तहत ऐसी कंपनियां सीधे उपभोक्ता को माल नहीं बेच सकती हैं. ये कंपनियां सिर्फ थोक में माल बेच सकती हैं. लेकिन देश में लगभग सभी ई कॉमर्स कंपनियां नियमों का उल्लंघन करते हुए आम उपभोक्ताओं को माल बेच रही हैं. वहीं इन कंपनियों की ओर से दी जाने वाली छूट के बाद उत्पाद की कीमत उत्पादन लागत से भी कम रह जाती है. ऐसे में देश के खुदरा बाजार पर असर पड़ रहा है. कई छोटे व्यापारियों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है.
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व्यापारियों ने बुलाई आपात बैठक
त्योहारों पर ई कॉमर्स कंपनियों की ओर से दी जाने वाली बंपर छूट को ध्यान में रखते हुए संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से 12 अक्टूबर को दिल्ली में देश भर के व्यापारियों की एक आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में ई कॉमर्स कंपनियों की नीतियों पर चर्चा कर इस संबंध में सरकार को एक जल्द से जल्द ई कॉमर्स कंपनियों के लिए पॉलिसी बनाने के साथ ही Anti Predatory Pricing Act लाने की मांग की जाएगी.