नई दिल्ली: Mutual Funds Fraud: मार्केट रेगुलेटर SEBI ने IL&FS सिक्योरिटीज सर्विसेज (ISSL), अलाइड फाइनेंशियल सर्विसेज (AFSPL) और तीन व्यक्तियों पर 32 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है. ये पेनल्टी तीन कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स के कथित ट्रांसफर में हुए फर्जीवाड़े को लेकर लगाई गई है. इसके अलावा भी सेबी ने कई निर्देश जारी किए हैं.


SEBI ने लगाया 32 करोड़ का जुर्माना जुर्माना 


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SEBI ने 20 फरवरी, 20217 से लेकर फरवरी 2019 के दौरान इस मामले की गहन जांच करवाने के बाद 2 जुलाई को IL&FS Securities Services Ltd (ISSL), और Allied Financial Services (AFSPL) और इसके तीन डायरेक्टर्स के खिलाफ दो अलग आदेश जारी किए थे. ISSL एक क्लियरिंग मेंबर है जबकि AFSPL एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट है. ISSL पर 26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुए और कुछ निर्देश पारित करते हुए, सेबी ने कहा कि उसका आदेश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किसी भी आदेश के अधीन होगा. 


IL&FS सिक्योरिटीज पर 2 साल क्लाइंट बनाने की रोक


68 पन्नों के आदेश में सेबी ने कहा है कि ISSL एक क्लियरिंग मेंबर होने के नाते ये माना है कि रिस्क मैनेजमेंट में गंभीर चूक हुई है. उसने ये कहा है कि एक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके तहत क्लाइंट की रिक्वेस्ट पर उसके साथ जु़ड़े सभी ट्रेडिंग मेंबर्स को कोलेटैरल वापस कर दिया जाएगा. सेबी ने ISSL पर 26 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही सेबी ने कंपनी को दो साल तक नए क्लाइंट्स बनाने पर भी रोक लगा दी है. 


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AFSPL पर 7 साल का बैन


84 पन्नों के आदेश के मुताबिक, AFSPL के मामले सेबी ने 3 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई है. इसके अलावा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अवनीश कुमार मिश्रा और इसके दो डायरेक्टर्स हिमांशु अरोड़ (14 लाख) और जीतेंद्र तिवारी (7 लाख रुपये) पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेबी ने AFSPL और मिश्रा को 7 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अरोड़ा और तिवारी को सेबी ने सिक्योरिटीज मार्कटे से तीन साल और एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी का कहना है कि AFSPL ने अपने ग्राहकों के साथ व्यवहार करते समय अच्छे विश्वास, नैतिक मानकों और ईमानदारी के मूल्यों के साथ समझौता किया है.


क्या था मामला


इस मामले में कई शिकायतें आने के बाद सेबी ने जांच शुरू की थी. डालमिया ग्रुप की दो कंपनियों, डालमिया सीमेंट ईस्ट लिमिटेड और OCL इंडिया की ओर से फरवरी 2019 में AFSL द्वारा 344.07 करोड़ रुपये की म्यूचुअल फंड यूनिट्स को धोखाधड़ी से ट्रांसफर करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज करवाई थी. इसके बाद दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में दो शिकायतें Novjoy Emporium (NEPL) ने AFSL द्वारा कथित 21  करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड्स यूनिट्स के फर्जी ट्रासफर को लेकर दर्ज कराई गई थीं.


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