खबरों के मुताबिक काले धन की जानकारी के लिए एसआईटी आम जनता से संपर्क करेगी। इसके तहत वह ईमेल के जरिए लोगों से कालेधन की जानकारी मांगेगी। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक कई लोग इस मामले में जानकारी देना चाहते हैं लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बताना चाहते।
Trending Photos
ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: खबरों के मुताबिक काले धन की जानकारी के लिए एसआईटी आम जनता से संपर्क करेगी। इसके तहत वह ईमेल के जरिए लोगों से कालेधन की जानकारी मांगेगी। एसआईटी सूत्रों के मुताबिक कई लोग इस मामले में जानकारी देना चाहते हैं लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बताना चाहते। इसी वजह से एसआईटी यह कदम उठाएगी। जानकारी लेने के लिए एसआईटी ईमेल आईडी जारी करेगा। एसआईटी की गुरूवार को होने वाली बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है।
दूसरी तरफ सूत्रों के हवाले से यह कहा जा रहा है कि भारत सरकार को सौंपी गई 627 विदेशी खाताधारकों की सूची में राजनेताओं और बड़े उद्योगपतियों के नाम नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इन 627 में से आधे भारतीय जबकि आधे एनआरआई है और इनमें से केवल 350 खातों की ही जांच होगी। एनआरआई खाते भारत कर कानूनों के तहत नहीं आते हैं।
सूत्रों का कहना है कि लिस्ट में दिए गए ज्यादातर खाते वर्ष 2006 से पहले के हैं और इन्हें 1999-2004-05 के दौरान रिकॉर्ड किया गया था। इन खातों में पांच से लेकर 10 करोड़ तक की राशि जमा है। यदि सरकार इन खातों को फ्रीज कर देती है तो भी इनमें लगभग ना के बराबर पैसा बचेगा, क्योंकि खाताधारकों को पहले ही ऐसी कार्रवाई की जानकारी थी।
गौर हो कि कालाधन मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के बाद केंद्र सरकार ने बुधवार को विदेशी बैंकों में सभी खाताधारकों के नामों की सूची सौंप दी। केंद्र सरकार ने कालाधन मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उन भारतीयों के नामों की सूची पेश की जिनके विदेशी बैंकों में खाते हैं। केंद्र ने करीब 627 लोगों के नामों की सूची सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। जानकारी के अनुसार, सरकार ने तीन सीलबंद लिफाफे कोर्ट को सौंपे हैं। पहले लिफाफे में विदेशी सरकार से संधि का जिक्र है, दूसरे में सभी खाताधारकों के नाम एवं खाते में जमा रकम का जिक्र है। वहीं, तीसरे में एसआईटी की स्टेटस रिपोर्ट दी गई है। गौर हो कि केंद्र सरकार ने बीते सोमवार को शीर्ष कोर्ट में हलफनामा दायर कर आठ खाताधारकों के नाम बताए थे।