Indian Railways : भारतीय रेल ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए छह खंडों की पहचान की है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बजट 2020 (Budget 2020) से पहले एक प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी.
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नई दिल्ली : भारतीय रेल (Indian Railways) अब हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड ट्रेनें चलाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसके लिए कवायद तेज भी हो गई है. रेलवे ने हाई स्पीड और सेमी-हाई स्पीड कॉरिडोर के लिए छह खंडों की पहचान की है. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बजट 2020 (Budget 2020) से पहले एक प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कहा कि इन सेक्शंस पर एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एक साल के भीतर तैयार हो जाएगी. नए कॉरिडोर निर्माणाधीन मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड मार्ग से जुड़ेंगे.
बता दें कि हाई-स्पीड कॉरिडोर पर ट्रेनें अधिकतम 300 किमी प्रति घंटा, सेमी-हाईस्पीड कॉरिडोर पर अधिकतम 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती हैं.
इन 6 खंडों की हुई है पहचान
दिल्ली-नोएडा-आगरा-लखनऊ-वाराणसी (865 किलोमीटर)
दिल्ली-जयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद (886 किमी)
मुंबई-नासिक-नागपुर (753 किमी)
मुंबई-पुणे-हैदराबाद (711 किमी)
चेन्नई-बैंगलोर-मैसूर (435 किमी)
दिल्ली-चंडीगढ़-लुधियाना-जालंधर-अमृतसर (459 किमी)
यादव ने बताया कि "हमने इन छह गलियारों की पहचान की है और उनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) वर्ष के भीतर तैयार की जाएगी. डीपीआर इन मार्गों की व्यवहार्यता का अध्ययन करेगा, जिसमें भूमि की उपलब्धता, संरेखण और वहां यातायात क्षमता का अध्ययन शामिल है. इन चीजों के बाद हम तय करेंगे कि क्या वे उच्च गति या अर्ध-उच्च गति गलियारे होंगे.”
उन्होंने कहा कि देश के पहले हाई-स्पीड कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच भारत की बुलेट ट्रेन परियोजना दिसंबर 2023 तक पूरी हो जाएगी. साथ ही बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण का काम अगले छह महीनों में पूरा हो जाएगा.