Budget 2021: ULIP की मैच्‍योरिटी रकम पर देना होगा टैक्स, कहीं आप भी तो दायरे में नहीं?
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Budget 2021: ULIP की मैच्‍योरिटी रकम पर देना होगा टैक्स, कहीं आप भी तो दायरे में नहीं?

Budget 2021: यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसीज (ULIPs) में निवेश करने वालों के लिए जरूरी खबर है. बजट में सरकार ने अब ULIPs पर टैक्स वसूलने का फैसला किया है.

Budget 2021: ULIP की मैच्‍योरिटी रकम पर देना होगा टैक्स

नई दिल्ली: Budget 2021: यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसीज (ULIPs) में निवेश करने वालों के लिए जरूरी खबर है. बजट में सरकार ने अब ULIPs पर टैक्स वसूलने का फैसला किया है. अगर आप यूलिप में एक साल में 2.5 लाख रुपये से ज्‍यादा के प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो सेक्‍शन 10 (10D) के तहत मिलने वाली छूट को हटा दिया गया है. मतलब अब आपको मैच्योरिटी रकम पर टैक्स देना होगा, लेकिन क्या हर कोई इस दायरे में आएगा, इसे समझ लीजिए.  

ULIPs पर टैक्स, किसको राहत, किसकी आफत? 

हालांकि उनके लिए राहत की खबर है जिन्होंने पहले से ही यूलिप ले रखा है. क्योंकि यह नियम मौजूदा यूलिप पर लागू नहीं होगा. 1 फरवरी 2021 के बाद बेची गई पॉलिसियों पर ही यह लागू होगा, मतलब 2.5 लाख से ऊपर के प्रीमियम के मैच्‍योरिटी अमाउंट पर टैक्स लगेगा. इसके कैपिटल गेंस पर उसी तरह से टैक्स लगेगा, जैसे कि इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स पर लगाया जाता है. यानी इन पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.

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क्यों लगाना पड़ा यूलिप पर टैक्स ?

इनकम टैक्स एक्ट के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक पॉलिसी की अवधि के दौरान कोई भी पॉलिसीहोल्डर चाहे जितना सालाना प्रीमियम दे सकता है, इस पर कोई कैप नहीं है. अबतक 5 साल की शुरुआती लॉक-इन पीरियड के बाद यूलिप के रिटर्न पर टैक्‍स से छूट मिलती है. यह छूट सेक्‍शन 10(10D) के तहत मिलती है. ये सेक्‍शन लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के तहत प्राप्‍त रकम के लिए छूट देता है. तो ऐसा देखा गया है कि कई पैसे वाले निवेशक टैक्‍स-फ्री रिटर्न कमाने के लिए यूलिप में पैसा लगाते थे. 

अमीर निवेशक उठा रहे थे गलत फायदा! 

टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ज्‍यादा कमाने वाले और HNIs इंश्‍योरेंस पॉलिसी का सहारा लेकर निवेश पर टैक्‍स फ्री इनकम के लिए सेक्‍शन 10 (10डी) का इस्‍तेमाल करते थे. यह बात यूलिप और अन्‍य इंवेस्‍टमेंट प्रोडक्‍ट में फर्क भी पैदा करती थी, और जो इसका मकसद है उसे पूरा नहीं करती. एक तरह से देखा जाए तो वित्त मंत्री के इस कदम से इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स के मुकाबले यूलिप को मिलने वाला टैक्स एडवांटेज खत्‍म हो गया है. मतलब अब यूलिप से हुए गेंस को इक्विटी म्‍यूचुअल फंड्स के कैपिटल गेंस की तरह लिया जाएगा. इस पर उसी के मुताबिक टैक्स भी लगेगा. 

क्या है यूलिप?

ये एक यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान है. ये एक ऐसा प्रोडक्ट है जो दोहरा फायदा देता है. इसमें निवेशक को रिटर्न और इंश्योरेंस कवर दोनों ही मिलते हैं. बीमा कंपनियां इसे बेचती हैं. जब कोई निवेशक इसमें पैसा डालता है तो उसका एक हिस्सा बीमा कवरेज के लिए रखा जाता है और दूसरा हिस्सा डेट और इक्विटी में निवेश किया जाता है. एक समय के बाद मैच्योरिटी पर निवेशक को एकमुश्त रकम भी मिलती है और मृत्यु होने पर सम एश्योर्ड की रकम भी मिलती है. हालांकि अगर पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु हो जाती है तो रकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 

इस प्रोडक्ट में इंश्योरेंस और इंवेस्टमेंट का कॉम्बिनेशन 5 साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आता है. ग्राहकों को रिस्क के हिसाब से लार्ज, मिड या स्मॉल कैप, डेट या बैलेंस्ड इन्वेस्टमेंट में निवेश करने की छूट दी जाती है. इसी के साथ अलग-अलग फंडों में स्विच करने की भी सुविधा मिलती है. 

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