Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इनकम टैक्स रिजीम में कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी. इस बजट में मानक कटौती यानी स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया. इस दौरान वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि अगले साल पुरानी टैक्स व्यवस्था खत्म हो जाएगी या जारी रहेगी.


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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस तरह के अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि पुरानी कर व्यवस्था को कब खत्म किया जाएगा. इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मैं केवल यह कह सकती हूं कि सरकार का मकसद कर व्यवस्था को सरल बनाने का है. हम यह भी नहीं कह सकते कि पुरानी टैक्स रिजीम को खत्म किया जाएगा या नहीं.


नई और पुरानी टैक्स रिजीम में क्या है अंतर?


पुरानी टैक्स रिजीम में कई तरह की कटौतियां और छूट मिलती है. जिसमें  घर का किराया और छुट्टी यात्रा भत्ते के साथ-साथ धारा 80सी, 80डी, 80सीसीडी(1बी) और 80सीसीडी(2) के तहत कटौती भी शामिल है. जबकि नई कर व्यवस्था में इस तरह की छूट का ऑप्शन नहीं है. अगर साफ शब्दों में कहा जाए तो नई कर व्यवस्था में इनकम टैक्स की दरें कम हैं लेकिन कटौतियों और छूटें भी कम हैं. 


वित्त मंत्री ने और क्या कहा?


वित्त मंत्री ने संसद में बोलते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दो-तिहाई से अधिक व्यक्तिगत करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को चुना है. पिछले वित्त वर्ष में 8.61 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किये गये. नई आयकर व्यवस्था के तहत कर के नए स्लैब एक अप्रैल, 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से प्रभावी होंगे.


उन्होंने यह भी कहा कि नई व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट मिलती रहेगी. प्रस्ताव के मुताबिक, तीन से सात लाख रुपये की आय पर पांच प्रतिशत, सात से 10 लाख रुपये की आय पर 10 प्रतिशत और 10-12 लाख रुपये की आय पर 15 प्रतिशत कर लगेगा. हालांकि, 12-15 लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर पहले की तरह 30 प्रतिशत कर लगता रहेगा.