विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई 4 दिसंबर से, कोर्ट में मौजूद रहेगी सीबीआई
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विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई 4 दिसंबर से, कोर्ट में मौजूद रहेगी सीबीआई

माल्या की बचाव टीम की अगुवाई बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी कर रही हैं जिन्हें आपराधिक व धोखाधड़ी के मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है.

भारतीय उद्योगपति विजय माल्या. (फाइल फोटो)

लंदन: उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण के संबंध में लंदन की अदालत में सोमवार (4 दिसंबर) से शुरू होने जा रही सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिकारियों का दल वहां मौजूद रहेगा. बैंकों का 9,000 करोड़ रूपये से अधिक का ऋण न चुकाने के मामले में माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है. 61 वर्षीय माल्या को वापस लाने के लिए भारत के मामले का प्रतिनिधित्व ब्रिटेन सरकार की क्राउन प्रॉसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के माध्यम से किया जाएगा. सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की अगुवाई में एक दल रविवार (3 दिसंबर) को लंदन रवाना हो गया और वह सोमवार (4 दिसंबर) से वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में शुरू होने जा रही सुनवाई के दौरान उपस्थित रहेगा.

  1. माल्या भारत में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
  2. माल्या मार्च 2016 में भारत से भागकर ब्रिटेन आ गए.
  3. विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों को 9000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है.

मार्च 2016 में ब्रिटेन जा चुके माल्या विभिन्न भारतीय बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज ले कर उसे न चुकाने के मामले में भारत में वांछित हैं. पिछले कुछ माह में विभिन्न अदालतों में पेशी के दौरान राज्यसभा के पूर्व सदस्य माल्या ने बताया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और उन पर लगाए गए आरोप वास्तव में ‘गढ़े हुए’ हैं. सोमवार (4 दिसंबर) से शुरू होने जा रही सुनवाई में जिरह चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा लुई अर्बटनॉट सुनेंगे. भारत में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे माल्या इस समय यहां जमानत पर चल रहे हैं.

हालांकि माल्या अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन करते हुए कह चुके हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया. माल्या की बचाव टीम की अगुवाई बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमरी कर रही हैं जिन्हें आपराधिक व धोखाधड़ी के मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. मामले की सुनवाई 14 दिसंबर तक चलेगी जिसमें 6 व 8 दिसबर को अवकाश रहेगा.

 

भारत, ब्रिटेन की अदालत को बताएगा कि फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को कानून का सामना करने के लिए यदि भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो उन्हें मुंबई में आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा. वह बैंकों के समूह का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में आरोपी हैं. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के जरिए भारत अगले हफ्ते ब्रिटेन की अदालत को इस बारे में सूचित करेगा. माल्या के प्रत्यर्पण मामले पर भारत सरकार की ओर से सीपीएस बहस कर रहा है.

लंदन के वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट को बताया जाएगा कि कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है और जान को खतरे की माल्या की आशंका भ्रम फैलाने की कोशिश है. एक अधिकारी के मुताबिक, अदालत को बताया जाएगा कि भारत में कैदियों की स्थिति दुनिया के किसी भी अन्य देश की तरह ही है और भारत की जेलों में कैदियों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं.

माल्या के वकील ने कहा था कि फरार कारोबारी का भारत में प्रत्यर्पण किया जाता है तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा था कि भारतीय जेलों में मानवाधिकार उल्लंघनों की कथित घटनाएं भी हुई हैं. वेस्टमिंस्टर मेजिस्ट्रेट्स कोर्ट प्रत्यर्पण कार्रवाई चार दिसंबर से प्रारंभ करेगा. लंदन की अदालत को बताया जाएगा कि माल्या को कोई खतरा नहीं होगा. उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च स्तर की सुरक्षा है. अधिकारी ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर माल्या प्रत्यर्पण से बचना चाहते हैं.

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