चीन के लिए महंगा पड़ता जा रहा है अमेरिका से पंगा, सुस्त पड़ी आर्थिक रफ्तार
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चीन के लिए महंगा पड़ता जा रहा है अमेरिका से पंगा, सुस्त पड़ी आर्थिक रफ्तार

चीन की अर्थव्यवस्था 14,000 अरब डॉलर की है, जोकि अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. 

चीन की आर्थिक रफ्तार साल 2009 के बाद से सबसे कम पर आ गई है....(फोटो: रॉयटर)

बीजिंग: चीन की आर्थिक रफ्तार साल 2009 के बाद से सबसे कम पर आ गई है, जबकि एक साल पहले की तीसरी तिमाही में इसमें 6.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई थी. चीन की सरकार ने शुक्रवार को यह घोषणा ऐसे समय की, जब अमेरिका के साथ उसका ट्रेड वार चल रहा है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि साल-दर-साल आधार पर तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.5 फीसदी रही, जो कि अनुमानित दर 6.6 फीसदी से कम है, जबकि इस साल की दूसरी तिमाही में यह 6.7 फीसदी रही थी.  

चीन की अर्थव्यवस्था 14,000 अरब डॉलर की है, जोकि अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. दुनिया के किसी भी देश की विकास दर चीन जितनी नहीं है, जिसने पिछले 30 सालों से साल 2013 तक दोहरे अंकों में विकास दर हासिल की. लेकिन विभिन्न कारकों के कारण एशियाई दिग्गज की आर्थिक रफ्तार घट गई है. इसमें सबसे अहम भूमिका अमेरिका से छिड़े ट्रेड वार की है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू किया था. 

अमेरिका ने चीन से आयात किए जाने वाले 250 अरब डॉलर के सामानों पर शुल्क लगा दिया था, जिसके जबाव में चीन में 110 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों पर आयात शुल्क लगा दिया. अभी तक अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर चीन से बातचीत का कोई संकेत नहीं दिया है और धमकी दी है कि वह चीन के बाकी बचे 267 अरब डॉलर के सामानों पर भी शुल्क लगा देंगे. 

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