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विक्टोरिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सेशेल्स जैसे द्वीपीय देशों के लिए जलवायु परिवर्तन उतना ही गंभीर खतरा है जितना कि दुनिया के सामने आतंकवाद का है। इसके साथ ही उन्होंने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए भारत की गहरी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
मोदी ने यहां पैलाइस डेस स्पोर्ट्स में अपने सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन के दौरान कहा, ‘जिस तरह हम आतंकवाद पर चर्चा करते हैं उसी तरह दुनिया को साथ आकर जलवायु परिवर्तन पर बात करनी होगी।’ उन्होंने कहा कि छोटे द्वीपों पर रहने वाले लोगों को इस बात की चिंता नहीं होती कि परमाणु बम कौन बना रहा है बल्कि वे वैश्विक जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह उनके अस्तित्व से जुड़ा है।
मोदी ने कहा, ‘आज दुनिया के छोटे छोटे देश जो टापुओं पर बसे हैं, आईलैंड पर बसे हैं, उन सबकी एक सबसे बड़ी चिंता है। दुनिया में कौन परमाणु बम बनाता है कौन नहीं बनाता है- यह आइलंड में रहने वाले लोगों की चिंता का विषय नहीं है लेकिन उनकी चिंता का विषय है कि यह जलवायु परिवर्तन होता रहेगा तो हम रहेंगे कि नहीं रहेंगे? कहीं यह हमारा टापू पानी के अंदर तो नहीं चला जाएगा? सदियों से जिसे संजोया है, दो दो, तीन तीन पीढी जिसमें खप गई हैं वह कहीं डूब तो नहीं जाएगा?’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया को बचाने के लिए, न केवल द्वीपों पर रहने वालों को बल्कि सारी दुनिया को विचार करना होगा और इस संबंध में काम करना होगा। दुनिया को जलवायु परिवर्तन पर भी उसी स्तर पर विचार करना चाहिए जैसा कि वह आतंकवाद पर करते हैं। यह भी आतंकवाद की तरह गंभीर खतरा है।’ इससे पहले मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सेशेल्स के राष्ट्रपति जेम्स एलिक्स माइकल के साथ बैठक के बाद कहा, ‘जलवायु परिवर्तन पर हमारे विचार काफी मिलते जुलते हैं। हम इसके प्रभाव से असर होने वाले दो देश हैं।’ उल्लेखनीय है कि मोदी 34 साल में सेशेल्स की यात्रा पर आने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।